गुरुग्राम में 5वीं राष्ट्रीय दृष्टिहीन तथा बधिर जूडो प्रतियोगिता-2017 शुरू
देश के विभिन्न प्रांतों से 518 प्रतिभागी ले रहें हैं हिस्सा
गुरुग्राम : गुरुग्राम में आज से तीन दिवसीय 5वीं राष्ट्रीय दृष्टिहीन तथा बधिर जूडो प्रतियोगिता-2017 शुरू हो गई है जिसका शुभारंभ हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तानसिंह सोलंकी ने किया। गुरुग्राम के स्कॉटिस हाई इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित की जा रही इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से 518 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
राज्यपाल ने प्रतियोगिता का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया और प्रतिभागियों के साथ परिचय करते हुए शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अच्छी सरकार का काम प्रत्येक जरूरतमंद की मदद करना है। कहीं किसी प्रकार का भौतिक या शारीरिक अभाव हो, उसको दूर करना मुख्य रूप से समाज का काम तो है ही, परंतु यह कार्य सरकार का भी है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां परंपरा बन गई है कि हमारा ध्यान उनकी तरफ जाता है जिनके पास सबकुछ है, जिसे वीआईपी कल्चर कहते हैं। हम साधन संपन्न को मान्यता देते हैं। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि अब 21वीं सदी में भारत में ऐसी सरकार बनी है जो अमीरों का कम अपितु गरीबों का ज्यादा ख्याल रखती है। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट का शाब्दिक अर्थ गवर्न करना होता है। प्रजातंत्र में इसका मतलब शासन करना नहीं बल्कि सेवा करना है। उन्होंने कहा कि दोनों में बड़ा अंतर है, सोचने मात्र से ही फर्क पड़ जाता है। यदि कुर्सी पर बैठकर अधिकारी अपने आप को सेवक समझे तो वह लोगों का भला कर सकता है, जबकि अपने आप को शासक समझने पर उसकी भावना कुछ और ही होगी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति ने इन व्यक्तियों में कमी की लेकिन मनुष्य ने ऐसी व्यवस्था की कि इन्हेें वह कमी महसूस ना हो और कमी चाहे शारीरिक हो या भौतिक, कमी को दूर करने वाले को हम भगवान का दूसरा रूप मानते हैं। उन्होंने कहा कि अभावग्रस्त लोगों की तरफ जिसका ध्यान जाए और जो सेवा में अपना सबकुछ समर्पित कर देता है उसे भारतवर्ष की परंपरा में महान् व बड़ा मानते हैं। उन्होंने महान संत विनोबा भावे का उदाहरण देते हुए कहा कि वे कहते थे कि जो रखता है वो राक्षस और जो देता है वह देवता स्वरूप है।
उन्होंने सभी प्रतिभागियों का हरियाणा में पधारने पर स्वागत करते हुए कहा कि सामान्य व्यक्ति जो कर सकता है, आप उससे ज्यादा कर सकते हैं,ख्इसलिए आप असामान्य हो गए हंै। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागी खिलाडिय़ों को आशीर्वाद दिया कि ‘आप आगे बढ़े, देश को आगे लें जाएं’। उन्होंने कहा कि सन् 2011 में जब इन दिव्यांगजनों के लिए जूडो प्रतियोगिता शुरू की गई उस समय प्रतिभागियों की संख्या लगभग 200 थी, जो आज बढक़र दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का विचार अवनीश अवस्थी के मन में आया जिसके लिए उनकी जितनी तारीफ करें वह कम है। उन्होंने इन खिलाडिय़ों के लिए व्यवस्था करने पर गुरुग्राम जिला प्रशासन को बधाई दी।
इन खिलाडिय़ों को राज्यपाल ने किया सम्मानित
राज्यपाल ने इस मौके पर विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले दिव्यांग खिलाडिय़ों तथा उन्हें प्रोत्साहित करने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया। उन्होंने गुरुग्राम के दिव्यांगों की विभिन्न राष्ट्रीय व अतंर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले रणबीर सिंह सैनी को सम्मानित करने के बाद उसकी उपलब्धियों पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में बताया गया कि 16 वर्षीय रणवीर सिंह सैनी मानसिक रूप से निशक्त हैं और उन्होंने स्पेशल ओलंपिक वल्र्ड गेम्स में गोल्फ में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। हरियाणा के इस स्टार खिलाड़ी ने एशिया पैसीफिक गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं और इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज किया गया है। इस खिलाड़ी को गुरुग्राम में आयोजित स्वर्ण जयंती उत्सव शुभारंभ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किया गया था।
5 वर्ष पहले शुरू की गई थी यह प्रतियोगिता
इससे पहले इंडियन ब्लाइंड एण्ड पैरा जूडो एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष अवनीश कुमार अवस्थी ने राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि यह प्रतियोगिता 5 वर्ष पहले शुरू की गई थी और पहली प्रतियोगित लखनऊ में हुई थी। उसके बाद दिल्ली, गोआ और फिर से लखनऊ के बाद अब 5वीं प्रतियोगिता गुरुग्राम में आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि जूडो के लिए इन दृष्टिहीन और बधिर व्यक्तियों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि दृष्टिहीनों तथा बधिर के स्कूलों में भी म्मैट लगाकर इसका अभ्यास करवाया जाएगा। साथ ही श्री अवस्थी ने कहा कि सामान्य ओलंपिक की अपेक्षा पैरालिंपिक्स में भारत का प्रदर्शन बेहतर है।
इन दिव्यांग खिलाडिय़ों ने विदेशों में भारत का परचम लहराया
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की 25 वर्षीय प्रियंका, जोकि दिव्यांग है, ने सन् 2014 में कोरिया में आयोजित पैरा ऐशियन गेम्स में कास्य पदक जीता और तमिलनाडु़ के पापाती, विजयलक्ष्मी तथा मोनिषा ने भी कास्य पदक हासिल किया। इसी प्रकार, साऊथ अफ्रीका में नवंबर 2016 में आयोजित कॉमन वैल्थ चैम्पियनशिप में महाराष्ट्र के जयदीप सिंह तथा उत्तरप्रदेश के कुलदीप ने स्वर्ण पदक हासिल किए। दिसंबर 2016 में हुई वियतनाम ओपन जूडो चैम्पियनशिप में राजन बाबु ने कास्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। ये सभी खिलाड़ी यहां गुरुग्राम में भी अपना जोहर दिखाएंगे।
जापानी भाषा भी सीखते हैं जूडो खिलाड़ी
इंडियन ब्लाइंड एण्ड पैरा जूडो एसोसिएशन के संस्थापक सचिव मुनवर अंजार ने बताया कि चूंकि जूडो खेल जापान से जन्मा है इसलिए इसमें जापानी शब्दों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि ये दिव्यांग खिलाड़ी खेल के साथ-साथ जापानी भाषा भी सीख जाते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जापानी भाषा के हजमी शब्द का मतलब शुरू करना होता है। इसी प्रकार, ‘ते’ का मतलब हाथ, ‘आशी’ का मतलब टांग, ‘कोशी’ का अर्थ कुल्ले तथा ‘ओबि’ का अर्थ बैल्ट होता है और ये खिलाड़ी इन सभी जापानी शब्दों का अर्थ समझते हैं। खेल के दौरान इन्हीं जापानी शब्दों का इस्तेमाल रैफरी द्वारा किया जाता है।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, हरियाणा के सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के दिव्यांजन आयुक्त राजनिर्भीक, आयोजन समिति के अध्यक्ष शरद गोयल, उपाध्यक्ष विजय गुप्ता, सचिव गिरिराज, आयोजन सचिव सीमा छोकर, जूडो कोच महेंद्र सिंह, भाजपा नेता संजय भसीन, गुरुग्राम के मूक बधिर निशक्तजन कल्याण केंद्र की प्राचार्य शरणजीत कौर, सुधीर हलवासिया, मनोरोग विशेषज्ञ डा. ब्रह्मदीप संधु, स्कॉर्टिस हाई इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक डा. कमांडर कार्तिकेय सैनी, सुधा गोयल, इंडियल ऑयल कॉर्पोरेशन के विनय मिश्रा, हरीकिशन गुप्ता, संजय यादव, पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, अतिरिक्त उपायुक्त विनय प्रताप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।