नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्री विंग प्रदान किया । इनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं. ये सभी देश के समाने पाहली बार उस वक्त सामने ए जब पीएम मोदी इन्हें अंतरिक्ष विंग प्रदान कर रहे थे. इस घोषणा के साथ भारत अब स्पेस में एक और लम्बी छलांग लगाने की दिशा में बढ़ गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में एकीकरण सुविधा सहित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, महेंद्रगिरि में आई एस आर ओ प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई सेमी-क्रायोजेनिक्स एकीकृत इंजन और स्टेज परीक्षण सुविधा और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में ट्राइसोनिक पवन सुरंग का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “कुछ देर पहले देश पहली बार 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है लेकिन इस बार वक्त भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा जो हमें स्पेस के अज्ञात विस्तार को जानने में मदद करेगा। इसी अमृतकाल में भारत का अंतरिक्ष यात्री भारत के अपने रॉकेट से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
चंद्रयान की सफलता की याद दिलाते हुए पीएम ने कहा कि “पिछले वर्ष भारत वह पहला देश बना जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर तिरंगा फहराया। आज शिव-शक्ति पॉइंट पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित करा रहा है।हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जो वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत के लिए यह ऐसा ही क्षण है, हमारी आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है जिसे जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का यश मिल रहा है।
पीएम ने कहा कि मुझे ये जानकर बहुत अच्छा लगा कि गगनयान में use होने वाले ज्यादातर उपकरण ‘Made in India’ है। ये कितना बड़ा संयोग है कि जब भारत दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमी बनने के लिए उड़ान भर रहा है, उसी समय भारत का गगनयान भी हमारे space sector को एक नई बुलंदी पर के जाने वाला है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत, विकसित होता हुआ भारत, आज दुनिया को अपने सामर्थ्य से चौंका रहा है। पिछले 10 वर्षों में हमने लगभग 400 सेटेलाइट लॉन्च किए हैं, जबकि इससे पहले के 10 वर्षों में मात्र 33 सेटेलाइट लॉन्च किए गए थे।
उन्होंने कहा कि हमारे space sector में Women Power को बहुत महत्व दिया जा रहा है। चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसे किसी भी मिशन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
पीएम ने बल देते हुए कहा कि मैं मीडियाकर्मियों और इससे जुड़े अन्य सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे उन चार नायकों के लिए सहायक स्तंभ बनें, न कि बाधा बनें जो अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि उनका ध्यान न भटकाएं और उन्हें पूरे फोकस और समर्पण के साथ काम करने दें। यह असली कहानी की शुरुआत है! जितना संभव हो सके उनका समर्थन करें। हाथ में झंडा, अंतरिक्ष, और 140 करोड़ देशवासियों का सपना ही उनका एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए, उनका एकमात्र संकल्प होना चाहिए!