चंडीगढ़, 12 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 4 जुलाई को खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य लाभ के फार्मूले के साथ घोषित कर वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। केन्द्र व हरियाणा में हमारी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में किसान कल्याण निहित है।
हरियाणा के किसानों की ओर से महेंद्रगढ़, शाहबाद, घरौंडा, फिरोजपुर झिरका और बरवाला में प्रधानमंत्री का धन्यवाद व्यक्त करने के लिए आयोजित की गई पांच रैलियों के बाद आज गोहाना में छठी किसान धन्यवाद रैली की शुरुआत मुख्यमंत्री ने ‘किसानों को देंगे पूरे दाम, देश के हित में करेंगे काम’ के नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया और किसानों ने खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट से मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के साथ-साथ खेतीहर मजदूर, खेती में सहायता करने वाले औजार बनाने वाले परिवार व छोटे-बड़े उद्यमियों का उत्पादन बढ़ाने व युवाओं को रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने का रास्ता प्रशस्त कर एक पंथ से कई काज साधे हैं।
उत्साह से उमड़े किसानों की भारी भीड़ से गदगद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान खुशहाल तो हरियाणा खुशहाल, हरियाणा खुशहाल तो देश खुशहाल और देश खुशहाल तो दुनियां में एक और खुशहाली का दौर शुरु होगा। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन के लिए सरकार ने पिछले करीब चार वर्षों में दिन-रात मेहनत कर कानून व नीतियां बनाई है और नौकरियों में पारदर्शिता आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गु्रप-डी की 30 हजार नौकरियां शीघ्र ही विज्ञापित की जाएगी। अब तक सरकार 28 हजार से अधिक नौकरियां पारदर्शिता के साथ युवाओं को दे चुकी है। उन्होंने कहा कि हमने स्थानांतरण व नौकरियों में दलाल प्रथा को खत्म कर आईटी के माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन किया है। सक्षम योजना के माध्यम से युवाओं को 100 घंटे काम के बदले 7500 से 9500 रुपये मासिक मानदेय उपलब्ध करवाकर उनको आगे बढ़ाने की योजना भी लागू की है। कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगारपरक बनने के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
किसानों को भी आईटी के माध्यम से फसल का पूरा उत्पादन मिले व उन्हें सही प्रशिक्षण मिले, इसके लिए सोयल हैल्थ कार्ड के साथ-साथ किस मिट्टी में कौन सी फसल बोनी है इसकी जानकारी भी देकर किसान को जोखिम मुक्त किया जाएगा। फल-सब्जियों के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़ नारनौल व लोहारू क्षेत्र में ऐसी-ऐसी टेलों पर नहरी पानी पहुंचाया है जहां 30 वर्षों में पहली बार पानी पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के मामले में हरियाणा 2014 में 14वें स्थान पर था और आज देश में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का निर्यात उत्तरप्रदेश से भी आगे है, अगर जनसंख्या की दृष्टि से निर्यात को देखें तो गुजरात व महाराष्ट्र के बाद हरियाणा तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोहाना विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। आज भी करीब 53 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोहाना क्षेत्र के लिए रखी गई 56 करोड़ की मांगों को भी मौके पर स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने गोहाना शहर के लिए 5 करोड़ रुपये तथा हरियाणा ग्रामीण विकास निधि से विकास कार्यों के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बरोदा विधानसभा में शीघ्र ही एक रैली कर वहां के विकास कार्यों के लिए भी ऐसी घोषणा की जाएगी।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओमप्रकाश धनखड़ ने अपने जोशिले भाषण से रैली में पहुंचे किसानों का आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जय जवान-जय किसान नारे को सच्चे अर्थों में साकार किया हैं। उन्होंने कहा कि किसान का बेटा देश की सरहदों पर देश सेवा करता है तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रेवाड़ी में भूतपूर्व सैनिकों से किए गए वन रैंक-वन पैंशन के वायदे को पूरा कर 10,800 करोड़ रूपये भूतपूर्व सैनिकों के खाते में डाले हैं तो दूसरी ओर 4 जुलाई को खरीफ फसलों के 50 प्रतिशत लाभ के साथ न्यनत्तम समर्थन मूल्य देने की घोषणा पर 33,500 करोड़ रुपये किसानों के खाते में जाएंगें। इस प्रकार प्रधानमंत्री ने लगभग 45,000 करोड़ रूपये का बजट ‘जय जवान-जय किसान’ के नाम किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को खरीफ फसलों के मूल्यों की वृद्धि से 1500 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। केवल धान के किसानों को 1200 करोड़ रुपये जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को किसान का बेटा और खेती करने वाला व्यक्ति बताते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि जब जब किसानों के हित के लिए मुख्यमंत्री के पास गए हैं पूरी केबिनेट ने एक सुर से किसान हित में एकजुटता दिखाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से गेहूं की फसल के नुकसान के बाद से अब तक 3267 करोड़ रुपये का मुआवजा पिछले तीन वर्षों में किसानों को दे चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश व उनकी स्वयं की अध्यक्षता में गठित मुख्यमंत्रियों के कार्यसमूह की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि 10 नवम्बर, 2013 को श्री हुड्डा द्वारा गोहाना में आयोजित रैली में किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के लिए बहकाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने गोहाना की रैली में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की थी, परन्तु जब 2014 में व सत्ता में आए और कृषि मंत्री बने तब अधिकारियों से इस फाईल बारे पूछा गया तो जबाब था कि कोई फाईल तैयार ही नहीं हुई, वह तो सिर्फ रैली की घोषणा थी और बताया गया कि 6000 प्रति एकड़ से ही मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब बेमौसमी बारिश ने 2015 में गेहूं की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए हमनें मुआवजें की घोषणा कि तो उसी समय मुख्यमंत्री ने फसलों के नुकशान पर प्रति एकड़ 12 हजार रुपये देने घोषणा की थी, जबकि स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में 10 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की बात कही है।
श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान हित में स्वामीनाथन आयोग से बढकर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट दबाने के दोषी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला फसलवृद्धि पर फसलों के दाम बढ़ाने को धोखा बता रहे हैं जबकि उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला लम्बे समय तक किसान मजदूर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे परन्तु उन्होंने कभी भी स्वामीनाथन आयोग की बात नहीं उठाई। अब किस मुह से कांग्रेस पार्टी इस बात से कह रही है। श्री धनखड़ ने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच.डी. देवगौड़ा तथा कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री सीपीसीए में लाभ के साथ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य शामिल करवाते तो किसान 50 वर्ष पहले ही समृद्ध हो जाते। आज अगर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे लागू किया है तो कांग्रेस किस मुंह से किसानों के हित की बात करती है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 वर्षों बाद किसानों को आर्थिक आजादी मिली है।
इस मौके पर सांसद रमेश कौशिक, परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर, विधायक महिपाल ढ़ांडा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, चेयरमैन रामचंद्र जांगड़ा, जिलाध्यक्ष डा. धर्मबीर नांदल, संजय भाटिया, किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष समय सिंह भाटी, प्रदेश उपाध्यक्ष कविता चौधरी ने भी संबोधित किया। रैली में बलजीत मलिक, मनोज जैन, हरियाणा एंटरप्राइजेज के ललित बतरा, जिला परिषद चेयरपर्सन मीना नरवाल, चेयरमैन कुलदीप नांगल, चेयरपर्सन रजनी विरमानी, इंद्रजीत बिरमानी, गुलशन बिरमानी, डा. ओमप्रकाश आत्रेय, राकेश मलिक, निशांत छौक्कर, गुलशन ठेकेदार, मोहनलाल बड़ौली, स्वामी जसमेर, सुशील बाल्याण, जय सिंह ठेकेदार, देवेंद्र कौशिक, योगेश अलमादी, कुलदीप काकरान, रविंद्र दिलावर, आजाद ङ्क्षसह नेहरा, सुनीता लोहचब, बलराम कौशिक, नत्था सिंह सैनी, बिजेंद्र मलिक, रामअव