” होम आइसोलेशन से 80 प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो सकते हैं “

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गुरूग्राम़, 3 जून । गुरूग्राम जिला प्रशासन ने होम आइसोलेशन में ध्यान रखने योग्य तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा है कि होम आइसोलेशन से 80 प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो सकते हैं, इसलिए लोग घबराएं नहीं और होम आइसोलेशन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करें।


होम आइसोलेशन की प्रक्रिया के बारे मे बताते हुए उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन में व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि घर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से हवादार कमरा और अलग शौचालय होना अनिवार्य है। इसके अलावा, कोरोना संक्रमित व्यक्ति की 24 घंटे देखभाल के लिए एक अटेंडेंट अर्थात् देखभाल करने वाले व्यक्ति का होना अत्यंत आवश्यक है। जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डाक्टरों की एक टीम लगाई गई है जो मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए प्रतिदिन उसे काॅल करेगी। उसे रोजाना काॅल उठाकर अपने बारे में सही जानकारी देनी है।


उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन एक शारीरिक आइसोलेशन है, भावनात्मक आइसोलेशन नही है। ऐसे व्यक्ति फोन व वीडियों काॅल पर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों के संपर्क में रह सकते हैं। इसके अलावा, कोरोना संक्रमित व्यक्ति घर के सदस्यों से उचित दूरी बनाकर रखंे। अपनी पसंदीदा किताबे पढ़े, टेलीविजन शो, फिल्में देखें या अपने मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर गेम खेलकर अपने आप को व्यस्त रख सकते हैं। अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करें। अपने शरीर के तापमान में बढ़ोतरी या अन्य लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत डाॅक्टर को जानकारी दें।

श्री खत्री ने कहा कि यदि परिवार का कोई सदस्य बुजुर्ग है जिनकी उम्र 55 साल से अधिक हो, घर में कोई गर्भवती हो या फिर किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, अस्थमा, सांस की बीमारी, डायबिटीज, बीपी हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी आदि से पीड़ित कोई सदस्य हो, तो उन्हें मरीज के ठीक होने तक किसी रिश्तेदार या जानकार के घर पर ठहराने की व्यवस्था करें या ऐसी व्यवस्था करें कि ये व्यक्ति मरीज के संपर्क में ना आएं क्योंकि कोरोना इनके लिए हानिकारक हो सकता है।

जिला प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सभी अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें और 24 घंटे ऐप पर नोटिफिकेशन और लोकेशन ट्रैकिंग(जीपीएस टैªकिंग ) को आॅन रखें। व्यक्ति खांसते या छींकते समय हमेशा मास्क, रूमाल या अपनी कोहनी का इस्तेमाल करें। हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक धोएं या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से साफ करें। घर के अन्य लोगों के साथ व्यक्तिगत वस्तु जैसे बर्तन, तौलिए आदि को सांझा ना करें। मरीज के कमरे में वह चीजें, जिन्हे बार-बार छुआ जाता है जैसे टेबल, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल फोन, कंप्यूटर , रिमोट इत्यादि को साफ रखें।

उन्हें एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड सोल्यूशन या सैनिटाइजर का उपयोग करके साफ करें। डाॅक्टर के निर्देशों का पालन करें। दवाइयां नियमित रूप से लेते रहें। आप अन्य बीमारी की दवाइयां लेते हैं तो डाॅक्टर की सलाह जरूर लें। होम आइसोलेशन के दौरान शराब का सेवन व धूम्रपान ना करें।

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