गुरूग्राम शहर के गुरू द्रोणाचार्य कालेज के एम ए प्रथम वर्ष का छात्र है नरेन्द्र
गुरुग्राम : गुरूग्राम शहर के गुरू द्रोणाचार्य कालेज के एम ए प्रथम वर्ष के 21 वर्षिय छात्र पर्वतारोही नरेन्द्र का 11 वर्ल्ड इंडिया बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ . इंडिया बुक ओफ वर्ल्ड रिकार्ड के मुख्यालय फ़रीदाबाद में नरेंद्र को इस रिकॉर्ड की प्रति दी गयी. नरेन्द्र ने यह 11वां वर्ल्ड रिकार्ड गत 15 अगस्त 2017 को 2-2-2 चैलेंज (दो सप्ताह में दो महाद्वीपो की दो सबसे उंची चोटी यूरोप की एलब्रूश, साउथर अफ्रीका की किलिमांजारो) पर फतेह कर प्राप्त किया.
नरेन्द्र का अगला लक्ष्य साउथ-वेस्ट हेमिसफेयर मिशन दिसंबर माह में साउथ अमेरीका की कुसवांगो (अर्जनंटाइना) व 26 जनवरी 2018 को आस्ट्रेलिया के 10 सबसे उंची चोटीयो पर फतेह करने का है। इसके लिए मिशन आउटडोर ने अनुमति पत्र भी दे दिया है। पर्वतारोही अगले मिशन की तैयारी में लगा है।
सात ममहाद्वीपों पर फतेह करने का सपना
आर्मी जवान कृष्णचंद के पुत्र नरेंद्र का सपना दुनिया के सभी सात महाद्वीपो पर फतेह कर वर्ल्ड रिकार्ड बुक में अमिट छाप छोडने का है। नरेन्द्र ने पिछले वर्ष 2016 में भी माउंट एवरेस्ट को फतेह किया था। इसके अलावा वह 14 अन्य पर्वत श्रृंखलाओं पर आरोहण कर देश का नाम रौशन कर चुका है। अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेन्द्र ने जम्मूकश्मीर की पहाडिय़ों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत कर दी थी। वर्ष 2008 से इन्होंने नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू कर दिया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुआ था।
देशभक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा है ?
पर्वतारोही नरेन्द्र ने 15 अगस्त को यूरोप की एलब्रूश, साउथ अफ्रीका की किलिमांजारो पर 11वां वर्ल्ड रिकार्ड बनाते हुए राष्ट्रीय गीत गान किया तथा तिरंगा लहराया। उन्होंने प्रत्येक पर्वत श्रृंख्ला पर तिरंगा लहराकर देश की शान बढ़ाई। नरेन्द्र ने गुरूग्राम से जयपुर तक 32 घंटो में 472 किमी. साईकिल यात्रा कर स्वच्छता का संदेश दिया।इस मौके पर कॉलेज प्रिन्सिपल व स्टाफ़ ने नरेंद्र को बधाई दी ओर इसी तरह देश का नाम पूरे विश्व में ऊँचा करने का आशीर्वाद दिया ।नरेंद्र का लक्ष्य सातो महाद्वीपों को फ़तह करना है