-वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को रियल एस्टेट के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया
-निर्माण अपशिष्ट की रीसाइक्लिंग सर्कुलर पर दिया बल
सुभाष चन्द्र चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में क्रेडाई (कन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) के 25वें स्थापना दिवस पर अपने मुख्य भाषण के दौरान कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक औपचारिकरण की ओर बढ़ना चाहिए जो उद्योग को तेजी से विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने उद्योग से श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में लगाने, उन्हें बीमा (ईएसआईसी) और भविष्य निधि (ईपीएफओ) के सामाजिक सुरक्षा लाभ देने का आग्रह किया। इससे वार्षिक रिपोर्टों और राष्ट्रीय आँकड़ों में कर्मचारियों की संख्या के परिलक्षित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यदि सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ प्रदान किए जाते हैं, तो कर्मचारी उद्योग के लक्ष्यों के मुताबिक अपने काम की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे, जिससे बेहतर उत्पादकता और अधिक लाभ होगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने क्रेडाई से अपने 14,000 सदस्यों के औपचारिकरण में तेजी लाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि यदि क्रेडाई के लिए काम करने वाला हर व्यक्ति डिजिटल भुगतान के माध्यम से वेतन प्राप्त करेगा और यह सुनिश्चित किया जाता है कि ईकोसिस्टम में काम करने वाले कर्मचारी लोगों की जरूरतों को पूरा करने के राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा हैं, तो रोजगार सृजन में क्रेडाई के योगदान की पहचान और सम्मान होगा।
अपने संबोधन में, श्री गोयल ने पर्यावरण प्रदूषण का मुद्दा उठाया और क्रेडाई से भारत के महानगरों में बेहतर निर्माण तकनीकों को अपनाने के तरीकों का अध्ययन करने के लिए एक टीम स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने उद्योगों की संस्था को इसे एक मिशन के रूप में लेने और सरकार को इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों की रिपोर्ट करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्टील और प्रीकास्ट फैब्रीकेशन को अपनाने से निर्माण कार्य में तेजी आएगी जिससे पूरे ईकोसिस्टम को लाभ होगा। इससे एक्यूआई और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
श्री गोयल ने भारत को एक पावरहाउस बनाने में और विकसित भारत की ओर इसकी यात्रा में क्रेडाई के योगदान की सराहना की और कहा कि उद्योग ने न केवल ईंट और मोर्टार के साथ मिलकर राष्ट्र को भविष्य के लिए तैयार किया है, बल्कि राष्ट्र को अवसर और आकांक्षाएँ प्रदान करने के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था और रोजगार में योगदान देता है।
पूर्व में नागरिकों को गृहस्वामी बनने में आने वाली कठिनाई पर ज़ोर देते हुए, श्री गोयल ने बताया कि पिछले दस वर्षों में प्रक्रियाओं को स्वच्छ रखने, व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने और व्यवसायों के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए एक समन्वित प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी नोट किया कि 2017 में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) को लागू करना एक चुनौती थी, हालाँकि, नियमों ने नागरिकों को बिना विवाद के घर प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। मंत्री ने आगे क्रेडाई की प्रक्रियाओं को सुधारने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), रेरा अधिनियम और अनियमित लेनदेन को खत्म करने के प्रयासों ने रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठित विकास में नतीजे दिए हैं।
श्री गोयल ने बैंकिंग प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) में काफी कमी आई है और बैंकों के पास मजबूत बैलेंस शीट के साथ मजबूत क्रेडिट पोर्टफोलियो हैं, जो हर साल बेहतर लाभ बनाए रखते हैं। यह दर्शाता है कि राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने में गति प्राप्त करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र, रियल एस्टेट क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आय स्तर बढ़ेगा, अधिक लोग अपने घरों का स्वामी बन सकेंगे क्योंकि वे कम ब्याज दरों पर सस्ते ऋण प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
श्री गोयल ने किफायती किराये के आवास के बारे में भी बात की और घोषणा की कि सरकार झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम पर काम करने के अलावा, नागरिकों को किफायती किराये वाला आवास प्रदान करने के तरीके खोजने के लिए उद्योगों की संस्था के साथ चर्चा करेगी। उन्होंने कहा कि यदि किफायती किराये का आवास उपलब्ध कराया जाता है तो शहरों में झुग्गियों का प्रसार रुक सकेगा। श्री गोयल ने बताया कि लेआउट की योजना बनाते समय पार्किंग स्थल और परिवारों के मनोरंजन के लिए स्थानों जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें निर्माण अपशिष्ट की रीसाइक्लिंग करने की आवश्यकता है ताकि हम एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हों, क्योंकि एक नेट जीरो देश बनने के लिए हमें नेट जीरो क्षेत्रों व समाज से शुरुआत करनी होगी।
उद्योग जगत के प्रमुखों और प्रतिभागियों को विदेशों में रियल एस्टेट के अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि भारत के बाहर रियल एस्टेट का विस्तार करने से भारत के निर्यात और अवसंरचना सेवाओं में वृद्धि होगी। उन्होंने उद्योग से अपने क्षेत्र और 250 से अधिक सहयोगी उद्योगों का विस्तार करके रियल एस्टेट को राष्ट्र के लिए एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने वाला बनाने का भी आग्रह किया।