‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम के तहत् देवघर मंदिर परिसर की सफाई

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जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी-सह-मंदिर प्रभारी बी0के0 झा ने संभाली सफाई अभियान की कमान 

‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम के तहत् देवघर मंदिर परिसर की सफाई 2देवघर : ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम के तहत् जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी-सह-मंदिर प्रभारी बी0के0 झा के द्वारा रविवार एक अक्टूबर को बाबा मंदिर परिसर व इसके आस-पास के क्षेत्रों की साफ-सफाई की गई; जिसमें मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त, सहायक मंदिर प्रभारी दीपक मालवीय व अन्य ने सहयोग किया। इनके द्वारा प्रांगण में जगह-जगह पर झाड़ू लगाकर  यत्र-तत्र पड़े विल्व पत्रों, फूल-मालाआंे आदि को उठाकर साफ-सफाई की गई।

इस दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मंदिर प्रभारी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को साफ-सफाई हेतु जागरूक करना है; ताकि वे अपने आस-पास स्वच्छता बनाये रखने हेतु तत्पर रहें। वहीं उन्होंने कहा कि मंदिर से लोगों की भावनाएँ जुड़ी हुई है। ऐसे में साफ-सफाई अभियान को यहाँ किये जाने से लोगों पर इसका अच्छा असर पड़ेगा एवं यहाँ आने वाले लोग इससे सीख लेते हुए स्वच्छता के महत्व को समझेंगे व कूडा़-कचरा के उचित प्रबंधन पर ध्यान देने हेतु प्रेरित होंगे। यदि हम सभी मंे से 80ः लोग भी इस बात को समझ लें और अपने जीवन में स्वच्छता को अहम् स्थान दें, तो हम पायंेगे कि हमारे आस-पास कूड़ा-कचरा के ढेर में वृहद स्तर पर कमी आ गयी है।‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम के तहत् देवघर मंदिर परिसर की सफाई 3

ऐसा करने से सिर्फ हमें हीं नहीं बल्कि नगर-निगम कर्मियों को भी साफ-सफाई करने में सहुलियत होगी, परन्तु इसके लिए आवश्यक है कि सभी अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इस कार्यक्रम को सफल बनायें; ताकि जनहित में एक अच्छे उद्देश्य की पूर्ति हो सकें। वहीं उनके द्वारा बतलाया गया कि स्वच्छ वातावरण से हीं एक अच्छे व स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। जबतक हम स्वच्छता को अपने जीवन में महत्व नहीं देंगे तब तक हम स्वस्थ नहीं रह सकते हैं, क्योंकि गंदगी का मतलब बीमारियों को आमंत्रण देना होता है। ऐसे में यदि हम इन बीमारियों से अपना व अपने परिजनों का बचाव करना चाहते हैं तो हमें स्वच्छता संबंधी अच्छी आदतों को अपने जीवन में अपनाने की नितांत आवश्यकता है।

 

हमारे जीवन में स्वच्छता संबंधी आदतों से तात्पर्य सिर्फ अपने घरों या आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई करना हीं नहीं है बल्कि यह भी है कि शौच हेतु हम हमेशा शौचालय का हीं प्रयोग करें एवं शौच के बाद व खाना खाने से पूर्व अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से मलकर धोयें। इनके द्वारा बतलाया गया कि स्वच्छता संबंधी प्रेरणा जगाने हेतु मंदिर से अच्छा और कोई स्थल नहीं हो सकता; क्योंकि बाबा की भक्ति में श्रद्धा की एक अहम भूमिका होती है और श्रद्धा का उन्मेष स्पष्ट रूप से स्वच्छता से हीं होता है। स्वच्छता एक ऐसी जीवनशैली है, जो मानव जीवन को इसके उच्चतर स्तर तक ले जाता है, भले हीं वो आध्यात्मिक क्षेत्र हों या भौतिक क्रियाकलापों का। सफाई कार्यक्रम के साथ हीं मंदिर प्रभारी द्वारा मंदिर परिसर में फूल एवं पूजन सामग्री बेचने वाले भेंडरों को अपने सामने बाॅस्केट रखने की हिदायत दी गई; ताकि वज्र्य पदार्थ इधर-उधर बिखर कर अस्वच्छता की स्थिति उत्पन्न न करें।

 

इसके अतिरिक्त मधुपुर प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड समन्वयक व अन्य द्वारा स्वच्छता अभियान चलाकर गड़िया पंचायत के दुर्गा मंदिर व इसके आस-पास के क्षेत्रों की साफ-सफाई की गई। साथ हीं पालोजोरी प्रखण्ड में भी वहां के स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर फूलजोरी पहाड़ की साफ-सफाई की।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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