गुरुग्राम, 18 अगस्त। उद्यमियों की सुविधा के लिए गठित जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की बैठक आज उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई. आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में 19 मामले रखे गए। इनमें से ज्यादात्तर आवेदनों का निपटारा मौके पर ही किया गया। कमेटी द्वारा लैंडमार्ग लाईफ स्टाईल कारस प्राईवेट लिमिडिट सैक्टर-34 गुरुग्राम को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनापत्ति पत्र अथवा सहमति पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार, आईएमटी मानेसर सैक्टर-7 स्थित हाईटैक इंजीनियर्स, पेस सिटी-2 स्थित करिश्मा फर्निसर्स प्राईवेट लिमिटिड, आईएमटी मानेसर स्थित असथैटिक लिविंग मर्चैंट्स प्राईवेट लिमिटिड, सैनटैक इंडिया कंपनी प्राईवेट लिमिटिड, पेस सिटी-2 स्थित रीबूट सिस्टम्स इंडिया प्राईवेट लिमिटिड, डयमैंड इंटरनेशनल इनैक्स प्राईवेट लिमिटिड, अवेदम डरमा सोल्यूसन्स प्राईवेट लिमिटिड तथा सोहना स्थित श्री बाला जी आरएमसी को भी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनापत्ति अथवा सहमति पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा, गांव मऊ स्थित बाला जी ग्रिट उद्योग (युनिट-2) का आवेदन वन विभाग से रिपोर्ट नहीं आने की वजह से अगली बैठक तक लंबित रखा गया है। स्थानीय उद्योग विहार-2 स्थित कपीटल इक्विपमेंट कंपनी का आवेदन रिजैक्ट कर दिया गया क्योंकि इसके आवेदन के साथ संलग्र कागजों में कमी थी, जिसके बारे में कंपनी को तीन बार नोटिस भेजा गया और दूरभाष पर भी सूचित किया गया, फिर भी कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। स्थानीय पेस सिटी-1 स्थित हाईको इंटरप्राईजिज के आवेदन को आवेदक द्वारा वापिस ले लिया गया है क्योंकि वह कंपनी ग्रीन कैटेगरी में आती है और उसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति पत्र प्राप्त करने की जरूरत नही है। इसी प्रकार, कागजातों की कमी की वजह से स्थानीय उद्योग विहार फेज-1 स्थित युरोफिन्स प्रोडक्ट्स टैस्टिंग प्राईवेट लिमिटिड, पेस सिटी-2 स्थित राहुल डाईकास्टिंग्स, आईएमटी मानेसर स्थित कार्मिक इंजीनियरिंग लिमिटिड के आवेदनों को लंबित रखा गया है।
इसी प्रकार, खांडसा स्थित एवरग्रीन इंटरनेशनल लिमिटिड तथा स्थानीय उद्योग विहार फेस-1 स्थित रिचा ग्लोबल एक्सपोर्ट्स प्राईवेट लिमिटिड को निर्धारित फीस भरने के लिए लिखा गया है, इसलिए इनके आवेदन भी लंबित रखे गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने उद्यमी प्रोत्साहन नीति बनाई है जिसमें 10 करोड़ रूपए से कम लागत तथा एक एकड़ भूमि तक लगने वाले उद्योगो को जिला स्तर पर ही सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
इस सुविधा का सभी उद्यमियों को लाभ उठाना चाहिए। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि आवेदन के साथ सभी कागजात संलग्र करने के बाद ही यदि कोई विभाग उस पर कार्यवाही नही करता है तो 45 दिन मे डीम्ड सहमति अथवा अनापत्ति या सीएलयू माना जाएगा।इस बैठक में उद्यमी एसोसिएशनों के सदस्य तथा संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। जिला उद्योग केंद्र के संयुक्त निदेशक भागमल तक्षक इस समिति के सदस्य सचिव हैं।