प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनओ से पकिस्तान व चीन को सख्त लहजे में ललकारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र संघ के 76वें महा अधिवेशन को संबोधित करते हुए एक तरफ  विश्व समुदाय को प्रजातंत्र पर चलने कि सीख दी तो दूसरी तरफ आतंकवाद और विस्अतारवाद को बढ़ावा एने वाले पकिस्तान व चीन को नाम लिए बिना ही  सख्त लहजे में ललकाड़ा.  उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाले देश को यह समझना होगा कि यह उनके लिए भी बड़ा खतरा बनेगा.  अफगानिस्तान की नाजुक स्थितियों का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश ना करें. उन्होंने समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए विश्व को एक भाषा में बोलने का आह्वान किया. आज विश्व के सामने प्रतिगामी सोच और अतिवाद को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है. देश के जिम्मेदार देशों को इसका इलाज सुनिश्चित करना ही होगा अन्यथा आने वाली पीढ़ी उनसे सवाल करेगी कि जब निर्णय लेने का समय था तब वे क्या कर रहे थे. बेहद सख्त लेकिन सधे हुए अंदाज में प्रधानमंत्री ने विश्व मंच पर भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़ा किया और अंतर्राष्ट्रीय संस्था को प्रसांगिक बनाये रखने के लिए सक्रिय भूमिका अदा करने की नसीहत भी दी.   

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