निर्वाचन आयोग 23 और 24 जनवरी को चुनाव प्रबंधन निकायों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

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–  सम्मलेन में 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 30 प्रतिनिधि भाग लेंगे

-लोकतांत्रिक चुनावों के संचालन में आने वाले मुद्दों का वैश्विक स्तर पर जायजा लिया जाएगा

नई दिल्ली : भारत का चुनाव आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस से ठीक पहले 23 और 24 जनवरी को नई दिल्ली में “वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति; चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लिए सीख” शीर्षक से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। यह सम्मेलन एक असाधारण घटनापूर्ण वर्ष के बाद आयोजित किया जा रहा है, जब दुनिया की लगभग आधी आबादी वाले 70 से अधिक देशों में मतदान हुआ था। सम्मेलन का उद्देश्य समकालीन चुनाव प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों और चुनावों के भावी दृष्टिकोण पर विचार करना है, साथ ही महत्वपूर्ण सीख लेना है।

सम्मेलन में, दुनिया भर के देशों, विशेष रूप से महत्वाकांक्षी चुनाव प्रबंधन निकायों को भारत के लोकसभा आम चुनाव 2024, जो दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा चुनाव है, का पूरा विवरण प्राप्त होने की उम्मीद है, जो सभी चुनाव प्रबंधकों के लिए सीखने का एक वास्तविक स्थान भी है।

भारत निर्वाचन आयोग के अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) ने भारत विश्व चुनाव निकाय संघ (ए-वेब) केन्द्र के साथ मिलकर इस सम्मेलन की रूपरेखा तैयार की है, जिसका उद्घाटन भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार करेंगे। इसमें विभिन्न देशों के चुनाव आयुक्तों और अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की अध्यक्षता में सत्र आयोजित किए जाएंगे।

सम्मेलन में भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूसी संघ, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 30 प्रतिनिधि भाग लेंगे। भूटान, कजाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, नामीबिया, इंडोनेशिया, रूसी संघ, श्रीलंका, ट्यूनीशिया और उज्बेकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख/उप प्रमुख और अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन सहायता संस्थान (अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के अध्यक्ष और सीईओ और ए-वेब के महासचिव भी शामिल होंगे। दिल्ली स्थित कई राजदूत/उच्चायुक्त भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के मुख्य भाषण से होगा और इसमें चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी:

  • चुनाव वर्ष 2024 – प्रमुख सीखें विषय पर पहले सत्र की सह-अध्यक्षता भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त और नामीबिया के चुनाव आयोग के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। इस सत्र में भारत, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, इंडोनेशिया और कजाकिस्तान के चुनाव अधिकारियों की ओर से प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी।
  • दूसरे सत्र का शीर्षक “चुनाव प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका – अवसर और चुनौतियां” होगा, जिसकी अध्यक्षता भारत के चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार करेंगे। इसमें भूटान और रूस के चुनाव अधिकारियों के प्रतिनिधियों की प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
  • तीसरे सत्र, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और चुनाव प्रबंधन – परामर्श और भविष्य की अध्यक्षता चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू करेंगे। इस सत्र में नेपाल और नामीबिया के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आईएफईएस के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की प्रस्तुतियां होंगी।
  • “चुनावी समानता: समावेशी और सुलभ चुनाव” पर चौथे सत्र की सह-अध्यक्षता कजाकिस्तान के केंद्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष और ए-वेब के महासचिव द्वारा की जाएगी। इसमें ट्यूनीशिया, फिलीपींस और जॉर्जिया के ईएमबी की प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
  • पांचवें सत्र, लोकतांत्रिक स्थानों को मजबूत करने के लिए क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का महत्व की सह-अध्यक्षता नेपाल के मुख्य चुनाव आयुक्त और अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन सहायता संस्थान के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा की जाएगी। इसमें ए-वेब, आयरलैंड के चुनाव आयोग और अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए के प्रतिनिधियों की प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
  • दूसरे दिन, चुनावों का भविष्य विषय पर छठे सत्र की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार करेंगे। इस सत्र में भूटान, कजाकिस्तान, मॉरीशस, नामीबिया और नेपाल के चुनाव अधिकारियों के साथ-साथ ए-वेब और आईएफईएस के प्रतिनिधि भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
  • समापन सत्र में मॉरीशस के चुनाव आयुक्त श्री अब्दुल रहमान मोहम्मद इरफान और अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन सहायता संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एंथनी नाथन बैनबरी के विचार शामिल होंगे। इसके बाद दुनिया भर में चुनाव प्रबंधन निकायों के लिए प्रतिबद्धता और कार्रवाई योग्य कदमों को रेखांकित करने वाली सिफारिशों पर चर्चा और अंतिम रूप दिया जाएगा, ताकि चुनावों और चुनावी लोकतंत्रों में बेहतर तालमेल और मजबूती आए।

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