पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला
चण्डीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि जिला परिषद और ब्लाक समिति की कुछ सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से बजट प्रावधानों के साथ परिषद व समिति को सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण के नाम से आयोजित कार्यशाला में जिला परिषद और ब्लाक समिति के चेयरमैनों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक बार सरकार को विश्वास हो गया कि उनके हाथों मेें सब सुरक्षित है और वे सेवाओं का प्रबन्धन और निगरानी कर सकते हंै तो सरकार ये सेवाएं इनके हाथों में सौंप देगी।
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके सुझावों हेतु अलग से आयोजित किए गये ब्रेन स्टोर्मिंग सत्र को भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के विजन को परिलक्षित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को सक्षम बना रही है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद और ब्लाक समिति की कुछ सेवाएं सौंपने के पश्चात सरकार उनके कार्यों की समीक्षा करेगी और यदि फीडबैक से सन्तुष्ट हुई तो और सेवाओं को स्थानान्तरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 1 अप्रैल, 2017 से पहले इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने जिला परिषद और ब्लाक समिति को स्थानान्तरित की जाने वाली सेवाओं के सम्बन्ध में उनके सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि वे लोगों के प्रतिनिधि हैं और वे जनता के साथ सरकारी अधिकारियों की अपेक्षा ज्यादा नजदीक हैं। उन्होंने कहा कि जब हम लोगों के साथ ज्यादा भागीदारी करेंगे तब विकास कार्यों में गलत कार्य और भ्रष्टाचार कम से कम होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनुभवी व्यक्तियों के सहयोग से सोशल ऑडिट प्रणाली की शुरूआत भी करेगी, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और विकास प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
गांवों के विकास के लिए आयोजित की गई कार्यशाला के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों के अलावा, स्व:प्रेरित आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत गांवों के विकास के लिए वे लोगों के प्रतिनिधि होने के नाते वे सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष एक बच्चे की शिक्षा पर लगभग 22,000 रुपये खर्च कर रही है, परंतु आशाओं के अनुसार परिणाम नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे कर सकते हैं और जमीनी स्तर की बेहतर निगरानी करके सभी सरकारी सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करके यह किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें सुझाव देते हुए कहा कि वे अपने संसाधनों के अलावा बजट प्रावधानों को तैयार करें। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की इकाइयां और अधिक संसाधनों को सृजित कर सकती हैं। सरकार गांवों के विकास में श्रमदान प्रणाली को भी शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि आप सभी इस प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री ओपी धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में पढ़े-लिखे लोगों के चयन के लिए लिए गये निर्णय की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। इसके अलावा, हरियाणा की पंचायते देेश की सबसे युवा पंचायतें हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि गांवों की महत्ता को बढाया जाए और इस कार्य को जिला परिषद और ब्लाक समिति के चेयरमैन कर सकते हैं।
मुख्य संसदीय सचिव बख्शीश सिंह विर्क ने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि पंचायती राज संस्थाओं और लोगों के प्रतिनिधियों को और अधिक सशक्त किया जाए ताकि वे अपने क्षेत्रों में और अधिक विकास सुनिश्चित कर सकें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधु और निदेशक अशोक मीणा भी उपस्थित थे।