चण्डीगढ़ : हरियाणा में किसानों और बैंकों के बीच विश्वास कायम करने के मद्देनजर आज हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बैंक अधिकारियों से अह्वान किया कि वे किसानों के कोलेटरल और क्रेडिट के प्रावधान, विषम खेती करना और विभिन्न क्षेत्रों में किसानों के कौशल के विकास के लिए समय पर किए जाने वाले प्रावधानों जैसे मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों।
वित्त मंत्री आज यहां राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित किए गये जा रहे राज्य सम्मेलन नामत: ‘वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करना’, में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान द्वारा जिस कार्य के लिए ऋण लिया गया है, उसका उपयुक्त उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र और हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2016-17 के केन्द्रीय बजट में विभिन्न कदमों को उठाया गया है, जिनमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, इलेक्ट्रोनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार नामत: ई-नाम की शुरूआत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और परम्परागत कृषि विकास योजना शामिल है।
उन्होंने बताया कि ई-नाम योजना के अन्तर्गत हरियाणा में कुल 54 मंडियों मेें से 36 मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जा चुका है, जिससे मांग और आपूर्ति के आधार पर सही समय के अनुसार मूल्य की खोज करने मेें किसानों को मदद मिलेगी। वहीं, दूसरी तरफ इससे ऑनलाइन भुगतान और नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भुगतानों के विजन को भी बल मिलेगा।
किसानों की आय पांच वर्षों में दोगुणा करने अर्थात 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के बारे में कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि यह केवल तभी उपलब्ध की जा सकती है, जब हम तेजी से विविधिकरण योजनाओं को अपनाएंगे और लिंकड बजारों और सुविकसित बाजारों के माध्यम से उत्पादन काविपणन हो।
नाबार्ड द्वारा किसानों के मुद्दों को सक्रिय रूप से निपटाने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ कार्यक्रमों जैसेकि जैबिक खेती, कृषि-आधारित प्रसंस्करण और आपात बिक्री को दरकिनार करने के लिए बेहतर भण्डारण क्षमता तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए गैर-खेती गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को विशेष खेती तकनीकों को सिखाने के लिए भी शिक्षित करना आवश्यक है।
उन्होंने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लाभ हेतु सभी सामूहिक रूप से किसानों को जागरूक करने के लिए कार्य करें।