साइबर क्राइम ब्रांच गठित
नालंदा: जिले में प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री डालने पर कानूनी रोक लगा दी है। जिलाधिकारी डॉ.त्यागराजन एस. एम व पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर बताया कि शहर की हालिया घटना और बेबजह माहौल को तूल देकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी थी जिसे ज़िला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने बिफल कर दिया।हमने पाया कि इसे भड़काने में सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल किया गया।यही कारण है कि हमने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाले संदेश और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त करवाई करने का निर्देश दिया है। ऐसा करने वालों के खिलाफ धारा 153 (ए) (धार्मिक उन्माद फ़ैलाने की कोशिश) के तहत करवाई की जायेगी।
क्या है धारा 153(ए)
आईपीसी की धारा 153 (A) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। धारा 153 (A) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।
सोशल मीडिया का यूज़ कीजिए, मिसयूज नहीं-डीएम
डीएम डॉ.त्यागराजन ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने की इज़ाज़त कतई नहीं है। सोशल मीडिया समाज को जोड़ने का जरिया है न कि तोड़ने का। जो इसे तोड़ेगा प्रशासन उसे नहीं छोड़ेगी। इधर कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर लोग आपत्तिजनक पोस्ट लगाने से बाज नहीं आ रहे है। अब बहुत हो गया,वैसे लोगों को सीधे जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
जेल जाने वालों की लिस्ट बनकर तैयार-एसपी
एसपी कुमार आशीष ने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर और सोशल मीडिया के अन्य मंचों पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त करवाई की जा रही है। वैसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। गंगा जमुनी संस्कृति के साथ खिलबाड़ करने वालों को जेल भेजा जायेगा। शहर की कौमी एकता को हर हाल में कायम रखा जायेगा।एसपी कुमार आशीष ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई बार सांप्रदायिक माहौल खराब करने की नीयत से असत्य सामग्री पोस्ट की जाती है।इस गलत सामग्री से खासकर युवाओं के मन पर गलत असर पर रहा है। उन्होंने कहा कि अब किसी तरह का भड़काऊ पोस्ट करना महंगा पड़ेगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने, आईटी एक्ट की धाराओं के उल्लघंन का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
गठित की गयी साइबर क्राइम सेल
एसपी कुमार आशीष ने कहा कि सोशल मीडिया पर नज़र रखने के लिए एक टीम गठित की गयी है। कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर के नहीं बच सकता।
एडमिन और मेंबर्स पर होगी कार्रवाई
एसपी कुमार आशीष ने कहा है कि ग्रुप में भड़काऊ पोस्ट करना एडमिन को भारी पड़ेगा। एडमिन के साथ- साथ मेंबर्स भी इसमें फंस सकते हैं। ऐसे में किसी ग्रुप पर किसी धर्म, समुदाय विशेष जुड़ी बातों के सामने आने पर उनको डिलीट करने, उन पर किसी तरह का ध्यान न देने, उसके संबंध में पुलिस को सूचना देने की अपील मैं जनता से करता हूँ।माहौल बिगड़ने पर हर किसी को बराबर भागीदार माना जाएगा।
इन बातों का रखें ध्यान
– सोशल मीडिया पर किसी अफवाह पर ध्यान न दें।
– किसी धर्म समुदाय से जुड़ी तस्वीरों को कोई अप्रिय टिप्पणी न करें।
– किसी ग्रुप में ऐसी हरकत होने पर तत्काल उसे डिलीट करें
– ऐसे लोगों को ग्रुप एडमिन ग्रुप से बाहर करें। पर्सनली भी ब्लॉक करें।
– फेसबुक पेज पर ऐसे लोगों से कतई दोस्ती न करें। अफवाह फैलाने वालों से सतर्क रहें।
– किसी विवादित मसले पर टिप्पणी से बचें। कोई बात कहने से उचित भाषा का इस्तेमाल करें।