बेहतर हरियाणा के लिए प्रवासी हरियाणवियों से सहयोग का आह्वान
गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के उदेश्य से प्रवासी हरियाणवासियों से सुझाव व सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम में, प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे प्रवासी हरियाणा दिवस के शुभारंभ अवसर पर 33 देशों से आए 400 से अधिक प्रवासी हरियाणावासियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है आज प्रवासी हरियाणावासी और सरकार प्रदेश के विकास की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए एक सांझा मंच पर इकटठे हुए हैं। प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा हर दृष्टि से हीट एवं फीट है। यहां का किसान देश के लिए खाद्यान का उत्पादन कर रहा है तो दूसरी ओर भारतीय सेनाओं में हर 10वां सैनिक देश की सीमा की रक्षा कर रहा है। हरियाणवी पारंपरिक खेल कुश्ती पर सुल्तान व दंगल ने हॉलीवुड में भी हरियाणा की धूम मचाई है।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष को सर्व हरियाणा गर्व हरियाणा व पर्व हरियाणा के रूप में सालभर मनाया जाएगा। उन्होंने उपस्थित प्रवासी हरियाणवियों से आह्वान किया कि वे 12 व 13 जनवरी को उनके लिए विशेष रूप से आयोजित हरियाणा दर्शन में भाग लें और हरियाणा के बरगद व पीपल के पेड़ो के नीचे सरसों का साग व मक्की की रोटी व लस्सी का आनंद लें। उन्होंने इस बात से भी अवगत करवाया कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज के समारोह के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद की 154वीं जयंती पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में 12 से 16 जनवरी तक राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के 5 हजार से ज्यादा युवा भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में भी आपको शिरकत करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी हरियाणवियों को नव वर्ष, लोहड़ी व मकरसंक्राति की शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि इन पावन अवसरों पर उन्हें अपनी मातृभूमि हरियाणा में आने का गौरव प्राप्त हुआ है और हरियाणा के विकास में निश्चित रूप से वे अपना योगदान दे।
अपनी मातृभूमि को ना भूले : राज्यपाल
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने संबोधन में कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि स्वर्ण जयंती के अवसर पर उन्हें हरियाणा के राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की पावन धरा कुरूक्षेत्रा पर भगवान कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में गीता का पावन संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि प्रवासी हरियाणवीं भी देश व विदेशों में हरियाणा के संदेश को आगे बढा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की संस्कृति अनुठी है और प्रवासी हरियाणवियों को इसे भूलना नही चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का 1893 से 1897 तक अमेरिका व अन्य देशों में किए गए प्रवास का स्मर्ण भी करवाया। जब वे कन्याकुमारी में वापिस लौटे थे तो वे समुंद्र तट पर बालु में लेटने लगे तब उनके शिष्यों ने पूछा था कि स्वामी जी ऐसा क्यों कर रहे हो तो उन्होंने अपने उत्तर मे कहा था कि वे अपने देश की संस्कृति को पुन: प्राप्त करने के लिए लौट रहे है। राज्यपाल ने सभी प्रवासी हरिणवियों से आह्वान किया कि वे अपनी मातृभूमि को ना भूले।
इस अवसर पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने रियो पैरालंपिक पदक विजेता दीपा मलिक, मुक्केबाज अखिल कुमार, जितेंद्र कुमार, पहलवान संग्राम सिंह, क्रिकेटर जोगिंद्र शर्मा को हरियाणा गौरव सम्मान पुरस्कार भेंट किया।