नोंटबंदी के 50 दिन बाद भी मेवात में हालात जस के तस !

Font Size

नोंटबंदी के 50 दिन बाद भी मेवात में हालात जस के तस ! 2

नोटबंदी की चपेट में मेवात में तीन लोग गांव चुके हैं अपनी जान

बैंको से कैश नहीं मिलने पर जिले में खूब हुए रोड जाम

नोंद बंदी की वजह से आज भी सिंगार में लगा जाम

यूनुस अलवी

मेवात :   देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नंवबर कि रात्री पांच सौ और एक हजार के नोटों को बंद करते वक्त जनता से उनकी समस्या का समाधान करने के लिये भले ही 50 मांगे थे लेकिन पचास दिन पूरे होने के बावजूद नोबंदी की समस्या मेवात में जस की टस बनी हुई है। आज भी लोग पैसे लेने के लिये लोग लंबी-लंबी लाईनों में खडे हैं, बैंकों से पैसे ना मिलने पर लोग सडकों पर उतर रहे हैं। इस नोट बंदी कि वजह से मेवात में तीन से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं, दर्जन भर इलाके में रोड जाम हुऐ और लोगों के गुस्से को काबू करने के लिये पुलिस के डंडे भी खूब खाये लेकिन अभी तक समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं हो सका है।

पुन्हाना-होडल रोड पर लगाया जाम

 मंगलवार को गांव सिंगार और आसपास कि महिलाओं ने दिन के करीब 11 बजे पुन्हाना-होडल रोड पर गांव सिंगार में जाम लगा दिया। लोगों का आरोप है कि सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक का मैनेजर मनमानी करता है और मनमर्जी से आता-जाता है। मंगलवार को मैनेजर के साडे ग्यारह बजे तक ने आने कि वजह से उन्होने जाम लगाया है। उनको पिछले आठ दिन से कोई पैसा नहीं मिल पा रहा है।

नोंटबंदी के 50 दिन बाद भी मेवात में हालात जस के तस ! 3
नोटबंदी में खूब लगे जाम

 नोंट बंदी के दौरान बैंकों से पैसे ने मिले कि वजह से गांव घासेडा के लोगों ने गुडगांव-अलवर रोड पर तीन बार रोड जाम किया। नूंह के सिविल रोड पर सिंडिकेट बैंक के खिलाफ बुजुर्गो ने जाम किया था। पुन्हाना-नगीना रोड पर पिनगवां में दो बार लोगों ने जाम लगाया। सिंगार में बैंक के खिलाफ अब तक दो बार जाम लग चुकं हैं वहीं नूंह-फिरोजपुर झिरका रोड पर गांव मालब में नोटबंदी से परेशान लोगों ने इस दौरान तीन बार रोड जाम किया। रोड जाम से तावडू क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा, यहां पर लोगों ने सोहना-रेवाडी रोड पर तावडू में पंजाब नेशन बैंक और इसी रोड धानदास कि प्याऊ पर सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के सामने जाम लगा चुके है। वहीं पिनगवां, पुन्हानाख् नूंह और फिरोजपुर झिरका कि विभिन्न बैंकों में लंबी-लंबी लाईनों में खडे रहे लोगों को काबू करने के लिये पुलिस ने जमकर लाठियां भंाजी। पिनगवां में तो लोगों ने जमकर पथराव भी किया।

 नोंटबंदी कि वजह से मेवात में तीन लोगों ने गवांई जान

16 नवंबर: 

  

  कई दिनों से बैंक कि लाईन में लगने के बावजूद जब पैसे नहीं मिले तो 16 नवंबर को गांव बीसरू निवासी 55 वर्षीय महिला हारूनी अपने बेटे और पति के साथ अलसुबेह करीब 4 बजे कि बैंक की लाईन में लगने के लिये मोटरसाईकल से निकल पडी थी जब वह बैंक से करीब 200 मीटर कि दूरी पर ही थी कि अचानक एक कुत्ता टकरा गया और घायल अवस्था में हारूनी कि अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

नोंटबंदी के 50 दिन बाद भी मेवात में हालात जस के तस ! 4
16 दिसंबर:

   कस्बा पुन्हाना के वार्ड दस में 26 वर्षीय सागर खान नाम के युवक की इलाज के लिए पर्याप्त नकदी नहीं होने सेे 16 दिसंबर  को मौत हो गई थी। वह 15 दिसंबर को अपनी 70 वर्षीय मां को बुढापा पैशन दिलाने के लिये घण्टों लाईन में लगा रहा था। भूखे-प्यारे खडे रहने कि वजह से पैट में दर्ज हुआ था। मृतक के घर में क्रियाक्रम के लिए भी नकदी नहीं मिली तो लोगों ने आपस में चंदा इक्कठा कर शव को दफनाया।

23 दिसंबर: 

   तावडू खण्ड के गांव छारौडा स्थित सिंडिकेट बैंक में 23 दिसंबर को बुढापा पैंशन लेने के लिये लाईन में खडे गांव चीला निवासी बशीर कि अचानक गिरने से मौके पर ही मौत हो गई थी।

 अधिक्तर एटीएम रहे बंद

भले ही नोट बंदी से पहले मेवात इलाके में एटीएम खूब चलते थे लेकिन जैसे ही नोंटबंदी का फैंसला आया मेवात इलाके के पुन्हाना, पिनगवां, बडकली, नगीना, नूंह, तावडू, फिरोजपुर झिरका स्थित 95 फीसदी एटीएम बंद रहे। इलाके के एसबीआई के एटीएम तो चले लेकिन उनका कैश लोगों की लाईन टूटने से पहले ही खत्म हो जाता है।

नोंटबंदी का मजदूर, दुकानदार और किसान सभी पर पडा असर

नोंटबंदी कि वजह से प्रयाप्ता पैसे पास में ना होने कि वजह से लोगों ने अपने निर्माण के कार्यबंद कर दिये जिसकी वजह से दिहादीदार मजदूरों को बेरोजगारी कि मार झेलनी पडी। वहीं सबजी, किराना और रेडीमेट कपडे बैचने वालों पर भी इसका असर देखने को मिला। जहां नोट बंदी से पहले लोग हजारों रूपये कमा लेते थे वहीं अब उनकी दुकारों का किराया भी निकलना मुश्किल रहा।

You cannot copy content of this page