प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से स्वामी विवेकानन्द के नेतृत्व उपदेश का अनुसरण करने का आह्वान किया। श्री मोदी ने व्यक्तियों और संस्थानों के विकास में श्रद्धेय संन्यासी की प्रशंसा की। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने व्यक्ति विकास से संस्थान निर्माण के विभिन्न चक्र प्रारंभ करने में स्वामी जी के योगदान की चर्चा।
श्री मोदी ने कहा कि व्यक्ति स्वामी विवेकानन्द के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं और संस्थान का सृजन करते हैं और यही संस्थान बाद में नए संस्थान निर्माताओं की रचना करते हैं। इससे व्यक्ति विकास से संस्थान निर्माण का विभिन्न और विपरीत चक्र प्रारंभ होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत की विशाल शक्ति है। प्रधानमंत्री ने उद्यमिता के उदाहरण के साथ इसकी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति एक बड़ी कंपनी बनाता है और कंपनी काइको सिस्टम अनेक प्रतिभावान व्यक्तियों को बढ़ावा देता है जो अपने समय में नई कंपनियां बनाते हैं।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से हाल में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए लचीले और नवाचारी लर्निंग फॉर्मेट का लाभ उठाने को कहा। नीति का उद्देश्य आकांक्षाओं, कौशल, समझदारी तथा युवा की पसंद को प्राथमिकता देकर बेहतर व्यक्ति बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के युवाओं को बेहतर शिक्षा तथा बेहतर उद्यम के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘हम देश में एक इको सिस्टम बनाने का प्रयास कर रहे हैं जिसके अभाव में युवा अक्सर बाध्य होकर विदेश की ओर देखते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने बल देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने विश्वासपूर्ण, स्वच्छ हृदय, निर्भय और साहसी युवा को देश की नींव के रूप में मान्यता दी। श्री मोदी ने युवाओं के लिए स्वामी विवेकानन्द के मंत्रों को प्रस्तुत किया। शारीरिक फिटनेस के लिए विवेकानंद का मंत्र था लोहे की मांसपेशियां और फौलाद की शक्ति। सरकार फिट इंडिया मूवमेंट, योग को प्रोत्साहित कर रही है और खेलों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है। व्यक्तित्व विकास के लिए स्वामी जी का उपदेश था“स्वयं में विश्वास करो”, नेतृत्व और टीमवर्क के लिए स्वामी जी ने कहा “सभी में विश्वास करो।”