नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में कोयला खनन क्षेत्र में ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम वेब पोर्टल’का उद्घाटन किया। श्री अमित शाह ने देश की पहली वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के सफल बोलीदाताओं को अधिकार पत्र भी सौंपे। कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी तथा अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में कोयला क्षेत्र ने आज एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है। उन्होने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर 2022 तक पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में कोयला क्षेत्र की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। श्री शाह ने कहा कि एक लंबे समय से कोयला क्षेत्र की अस्थिरता को दूर करने और इसमे पारदर्शिता लाने की जरूरत महसूस की जा रही थी जिसे मोदी सरकार में पूर्ण किया गया। वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी से अब छोटे और मध्यम उद्योगों को भी सरलता से कोयला मिल सकेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 तक कोयला क्षेत्र ब्यूरोक्रेसी में फंसा दिखाई पड़ता था, पारदर्शिता का अभाव था, करप्शन के कई आरोप भी लगे थे। उस समय तक इस क्षेत्र में काम करना बेहद मुश्किल था। लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई बदलाव किए और आज कोयला क्षेत्र में पूर्ण पारदर्शिता के साथ ही सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा इंटेलिजेंट और पढ़ा-लिखा युवा, मेहनतकश मजदूर होने के साथ साथ एक पारदर्शी लोकतंत्र भी है।
श्री शाह ने कहा कि आजादी से आज तक कोयला क्षेत्र में किए गए कार्य का आंकलन करने पर ज्ञात होता है कि पिछले छह साल में मोदी जी के नेतृत्व में अभूतपूर्व काम हुआ है। उत्पादन की वृद्धि सबसे ज्यादा आजादी के बाद इसी 6 साल के अंदर हुई है। 2014 में लगभग 560 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होता था जबकि 2020 में यह 729 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। कोयला खनन की गति को बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए श्री शाह ने कहा कि इस क्षेत्र की गति जितनी अधिक बढ़ेगी देश के अर्थतंत्र को उतना ही फायदा होगा और पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने उल्लेखनीय कार्य किया है और उन्हें अपार हर्ष हो रहा है कि आज देश एक नए भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। देश की पहली वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के अंतर्गत आज 19 सफल बोलीदाताओं को खदानों का आवंटन हुआ है। इससे राज्यों को प्रतिवर्ष करीब 6,500 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व मिलेगा और 70,000 से ज्यादा नौकरियों का सृजन भी होगा। साथ ही 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का निवेश भी होगा। उन्होने कहा कि कोयला के पीएसयू प्लान के तहत अगले एक दशक में करीब लगभग 2.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा और पीएसयू-प्राइवेट प्लान के अंतर्गत करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की आशा है। इसके लिए रोड मैप भी तैयार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी प्रक्रिया से देश के मध्य और पूर्वी जनजातीय इलाकों में विकास का रास्ता खुलेगा। मोदी सरकार से पहले पश्चिम भारत की तुलना में पूर्वी भारत का विकास उतनी गति से नही हुआ जितना होना चाहिए था। मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों का विकास सुनिश्चित किया है। सरकार ने खदानों के पास रहने वाले लोगों के लिए 46,000 करोड़ रुपये के डिस्ट्रिक्ट मिनरल डेव्लपमेंट फ़ंड की रचना की है जिसमे जिलों के विकास और उनमें सबसे कम विकसित गाँवों पर मुख्य ज़ोर दिया गया है। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी, दलित, पिछड़े और गरीब लोगों के विकास का काम हुआ है।
श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2020 में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त थी, सम्पूर्ण मानव जाति इस संकट से परेशान हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने इस संकट की घड़ी में दो मोर्चों पर सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी: एक कोरोना के विरुद्ध और दूसरी मंदी के खिलाफ। सरकार ने कृषि, शिक्षा, अंतरिक्ष, अर्थव्यवस्था और फ़र्टिलाइज़र समेत कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अनेक नीतिगत बदलाव किए। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बहुत सारी योजनाएं लाई गईं और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ढांचा तैयार करने का काम हुआ। इनमें से कई योजनाएं लागू हो चुकी हैं और बाकी को धीरे धीरे लागू किया जा रहा है। श्री अमित शाह ने कहा कि आज लांच की गई योजना भी इसी नीति का हिस्सा है।