—- सेमिनार में बच्चो की सुरक्षा को लेकर बनाए गए पॉस्को एक्ट एवं जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रति किया गया जागरूक
गुरुग्राम 31 जनवरी । महिला एवं बाल विकास विभाग गुरुग्राम द्वारा आज सिविल लाइन स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल में बाल संरक्षण कानून , पोस्को एक्ट व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक कैप्टन मनोज ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने पोस्को एक्ट के कैलेंडर का भी विमोचन किया।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कैप्टन मनोज ने कहा कि समय की मांग के अनुसार लोगों को बाल संरक्षण के लिए बनाए गए पॉस्को एक्ट 2012 व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सेमिनार में बाल अधिकार ,पोस्को एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट व बाल संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इस मौके पर जिला के विभिन्न स्कूलों से आए प्रधानाचार्यो व अध्यापकों का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे देश का भविष्य बच्चों पर निर्भर करता है और बच्चों का भविष्य कैसा बनाना है यह आप पर निर्भर करता है, इसलिए जरूरी है कि आप उनमें आत्मविश्वास पैदा करें ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग दे सकें। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चो को विद्यालय में एक सुरक्षित एवं रक्षात्मक वातावरण प्रदान करे ।
उन्होंने कहा कि हर बच्चे को उसके अधिकारों के लिए जागृत करना जितना उत्तरदायित्व अध्यापकों का है उतना ही बच्चों के अभिभावकों का भी है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी हो ताकि वे किसी प्रकार के शोषण का शिकार ना हो ।
सेमिनार के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग गुरुग्राम की जिला प्रोग्राम अधिकारी सुनैना ने पोस्को एक्ट -2012 के बारे में बताते हुए कहा कि यह अधिनियम बच्चे के पैदा होने से लेकर 18 वर्ष के होने तक उनकी लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है ।
उन्होंने बताया कि कोई भी पीड़ित जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति ,विशेष पुलिस किशोर यूनिट , स्थानीय पुलिस , राज्य बाल संरक्षण अधिकार हरियाणा में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है । उन्होंने बताया कि पीड़ित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही ऑनलाइन कंप्लेंट बॉक्स ई पॉस्को का इस्तेमाल करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है । बाल अधिकारों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे को जीवन जीने के अधिकार से लेकर अच्छा खाना , साफ पानी , कपड़ा व छत का भी हक है ।उन्होंने कहा कि शोषण, भेदभाव से आजादी का हक , सभी प्रकार की हिंसा से बचाव का अधिकार , बाल मजदूरी से बचाव , बाल विवाह से रक्षा का हक , अपनी बात आजादी से कहने का हक , सूचना का अधिकार और सबसे जरूरी विकास का अधिकार चाहे वह शिक्षा के स्तर में विकास हो या उसके मानसिक विकास की बात हो ये सभी अधिकार हमारे संविधान में हर बच्चे को दिए गए हैं । इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा “से नो टू प्लास्टिक ” अभियान के तहत सभी आंगनवाड़ी वर्करों में जूट व कपड़े से बने विशेष तरह के थैलो को भी वितरित किया जिसके साथ उन्होंने सिंगल टाइम प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का भी संदेश दिया गया। उन्होंने सभी से आव्हान किया कि प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का बहिष्कार करे व कपड़े से बने थैलो का इस्तेमाल करे ।
इस मौके पर हरियाणा बाल कल्याण परिषद् के मानद महासचिव कृष्ण ढुल , महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला प्रोग्राम अधिकारी सुनेना , मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी स्वाति , सीडीपीओ नेहा दहिया , सीडीपीओ मंजू , स्कूल ऑफ लाइफ फाउंडेशन की फाउंडर ज्योति ग्रोवर , विभिन्न विद्यालयों की प्रधानाचार्य , जुवेनाइल पुलिस यूनिट के अधिकारी सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे ।