पुलवामा हमले में सैम पित्रोदा को पाकिस्तान की गलती नजर नहीं आती

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सैम पित्रोदा बोले , कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे पाक को देना ठीक नहीं

सुभाष चौधरी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की घोषणा व प्रक्रिया शुरु होने के साथ ही देश में अनर्गल बयान देने और खास समुदाय को खुश करने की होड़ लग गयी है। इस मद में सबसे आगे कांग्रेस के नेता और 10 जनपथ के करीबी चल रहे हैं। कभी एयर स्ट्राइक का सबूत मांग रहे हैं तो कभी पाकिस्तान को पुलवाम के लिए दोषी नहीं ठहराने की बात करते हैं। अब नया बयान 10 जनपथ के बेहद करीबी टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा का आया है। उन्हें भी लगता है कि अभी चुनावी माहौल बना हुआ है और सभी गांधी परिवार के प्रति बफादारी सिद्ध करने में लगे हैं इसलिए इस बहते गंदे नाले में वे भी हाथ धोने लगे हैं।

संभव है इसी कारण से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पुलवामा हमले पर विवादित और अवांछित बयान देकर अपनी ओर ध्यान खींचने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि पुलवामा हमले के लिए पूरे पाकिस्तान पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने मुंबई हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी बताने को गलत करार दिया। इस प्रकार उनके बयान से यह स्पष्ट है कि उनका तर्क पाकिस्तान को मासूम व निर्दोष बताने का है जबकि उन्हें शायद यह पता होगा कि यह पकिस्तान सरकार की ओर से भारत के खिलाफ सोची समझी विध्वंसक रणनीति का हिस्सा है । यह स्थापित तथ्य है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान सरकर और सेना आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और हर अमानवीय हमले के पीछे वहां की एजेंसी आई एस आई का हाथ है। दुनिया यह बात मान रही है लेकिन सैम पित्रोदा जिन्हें विदेश में रहने व काम करने और राजीव गांधी से लेकर डॉ मोहन सिंह सरकार तक अहम पद पर काम करने का पूरा मौका मिला है और सारी स्थिति से वाकिफ हैं फिर भी वे पाकिस्तान प्रेम का इजहार कर रहे हैं। उनके इस बयान से उनकी सोच व राजनीतिक छुद्रता स्पष्ट हो रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव में उन्हें विदेश में रह रहे खास समुदाय के लोगों को कांग्रेस के पक्ष में आकर्षित करने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने दी है। इस भूमिका में वे गांधी परिवार की नजरों में बड़बोले व प्रभावी दिखना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस अमानवीय हमले के बाद देश में काफी रोष था। जाहिर है इसका दबाव केंद्र सरकार पर था कि पाकिस्तानी आतंकियों के इस जघन्य अपराध का माकूल जवाब दे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाक स्थित बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण ठिकानों पर बम गिराया और उसके अड्डे को ध्वस्त किया था।

कंग्रेस पार्टी व अन्य विपक्षी दलों को शायद यह अंदाज नहीं था कि मोदी सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठा पाएगी या फिर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगी लेकिन एयर स्ट्राइक के जरिये पाकिस्तान ही नहीं दुनिया को भी भारतीय सेना ने यह संदेश दे दिया कि अब चुप बैठने वाली नीति से भारत ने तौबा कर लिया है। ऐसे में एयर स्ट्राइक के बाद विपक्ष के सुर बदलने लगे और मोदी सरकार पर सेना के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए एयर स्ट्राइक का सबूत पेश करने की मांग करने लगे । इस मद में कांग्रेस अध्य्क्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल, गुलाम नवी आजाद सरीखे कई नेताओं के चौकाने वाले बयान आये।

अब सैम पित्रौदा भी एक माह बाद इस ओछी बयानबाजी की होड़ में कूद पड़े हैं । उन्होंने पुलवामा हमले के बारे में कहा कि, ‘हमले के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं जानता। यह हर तरह के हमले की तरह है। मुंबई में भी ऐसा हुआ था। हमने इस बार रिएक्ट किया और कुछ जहाज भेज दिए, लेकिन यह सही तरीका नहीं है।” सैम पित्रोदा के इस कथन से स्पष्ट है कि उन्हें अगर इस घटना की जानकारी नहीं थी या फिर इस प्रकार के पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की पूरी समझ नहीं थी तो फिर ऐसे बेतुके बयान क्यों ?

आगे सैम पित्रौदा ने कहा है कि पुलवामा हमले के लिए पूरे पाकिस्तान पर आरोप लगाना सही नहीं है। कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे देश को नहीं दी जानी चाहिए। इसी तरह मुंबई में (26/11 आतंकी हमला) 8 लोग आते हैं और हमला कर देते हैं। इसके लिए पूरे देश (पाकिस्तान) पर आरोप नहीं लगा सकते है।

शायद सैम पित्रोदा यह भूल गए कि 26/11 मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने क्या निर्णय दिया है। किसे दोषी माना है।

सैम पित्रोदा यह भी भूल गए कि भारतीय वायु सेना और भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका निशाना पाकिस्तान की जनता नहीं है। भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भारत पाकिस्तान की जनता को नुकसान नही पहुंचना चाहती है। इसलिए ही एयर स्ट्राइक के दौरान भारतीय वायु सेना का फोकस इस बात पर रहा कि उनके बम से पाकिस्तान की जनता का नुकसान नहीं हो और पाकिस्तान की अबतक की बातों से यह साबित भी हो गया है कि भारतीय हमले में वहां सिविलियन हताहत नहीं हुए हैं। इस बात को एयर मार्शल धनोआ ने भी अपनी प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट कर दिया था। लेकिन सैम पित्रोदा जैसे तकनीकी विशेषज्ञ जो पिछले कई दशक से भारत की नीतियों व केंद्र सरकार के स्टैंड से परिचित हैं इस प्रकार के अनर्गल, गैर जरूरी और भारत के बारे में विदेश में भ्रम फैलाने वाले बयान देकर निम्नस्तरीय राजनीति का परिचय देने में लगे हुए हैं। इससे भारत का फायदा नहीं नुकसान ही होगा। वोट की राजनीति में इस प्रकार की गलती का सिलसिला इस देश में चल पड़ा है।

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