सीएम मनोहर लाल ने किया राज्य पुलिस बल के शहीदों के नाम पर ’शौर्य पुरस्कार’ शुरू करने का ऐलान

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हरियाणा में भी बनेगा पुलिस स्मारक

नई दिल्ली । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज राज्य पुलिस बल के 71 शहीदों के नाम पर ’शौर्य पुरस्कार’ शुरू करने तथा राज्य में पुलिस स्मारक बनाने की घोषणा की। उन्होने कहा कि राज्य के प्रत्येक शहीद पुलिसकर्मी की स्मृति में उस ब्लाक में एक विदयार्थी को वीरता के लिए प्रति वर्ष 11,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जिस ब्लाक में वह स्कूल स्थित है जहां पर शहीद पुलिसकर्मी ने शिक्षा ग्रहण की थी।

मुख्यमंत्री आज यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में हरियाणा पुलिस व अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देने उपरांत राज्य पुलिसबल के शहीदों के परिजनों को संबोधित कर रहे थे। सन 1966 में हरियाणा के गठन के बाद से लेकर अबतक विभिन्न हमलों और मुठभेड़ों में शहीद होने वाले हरियाणा के सभी 71 पुलिसकर्मियों के परिवारों को सम्मानित करने के लिए हरियाणा सरकार ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में पहली बार राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर 116 पुलिस कर्मियों के साथ एक गार्ड ऑफ ऑनर का भी आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व एएसपी अजीत सिंह शेखावत ने किया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी.एस. संधू के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में राज्य स्तरीय पुलिस स्मारक बनाने की भी घोषणा की ताकि पुलिस बल के शहीदों की वीरता और साहस को जान कर युवा प्रेरणा ले सकें। मुख्यमंत्री ने शहीदों के वीरतापूर्ण कार्यों का उल्लेख करने वाली ’हरियाणा पुलिस के शहीद’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर मनोहर लाल ने देश में आंतरिक सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस कर्मियों को सलाम करते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गत वर्ष 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर किया गया था और उस समय उन्होनें इच्छा जाहिर की थी कि सभी राज्य अपने पुलिस शहीदों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम यहां आयोजित करें। इस कडी में हरियाणा प्रदेश ने यहां यह कार्यक्रम आयोजित करके पहल की है।
हरियाणा पुलिस द्वारा शुरू किए गए ’ऑपरेशन श्रीमान’ का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जनता के साथ विनम्र रहते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करने को कहा जिससे आमजन के साथ पुलिस के संबंध मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि टेक्नोलाजी के दौर में हरियाणा पुलिस देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस फोर्स में से एक बनने के लिए अपने काम-काज में प्रौद्योगिकी और इनोवेश्न को अपनाए।
हरियाणा पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री के आहवान पर दिल्ली में सबसे पहले श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करने पर खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होने बताय कि कर्तव्य परायणता के दौरान शहीद होने वाले पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्यों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये किया गया हैं। सरकारी नीति के तहत सहायता के अलावा, एचडीएफसी बैंक के साथ आकस्मिक मृत्यु बीमा कवर के एक विशेष समझौते के तहत 30 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। इस प्रकार पुलिस शहीद के परिजनों को कुल 60 लाख रूपये की वितीय सहायता दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुठभेड में मारे जाने वाले पुलिसकर्मी के एक आश्रित को नौकरी देेने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होने बताया कि पुलिस आवास सुविधा के लिए हुडको के माध्यम से 550 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाइ गई है जिससे विभिन्न जिलों में 3060 घरों का निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर जारी है। इसके अलावा और आवास सुविधा प्रदान करने के लिए 1050 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड का प्रावधान भी किया गया है। पुलिस कल्याण के लिए सरकार द्वारा दी जा रही मैचिंग ग्रांट की राशि 4 करोड रुपये से बढाकर 6 करोड रुपये प्रतिवर्ष की गई है। पुलिसकर्मियों की दी जाने वाली राशन मनी 600 रुपये से बढाकर 1000 रुपये प्रति माह की गई है। उन्होने कहा कि पुलिस कार्यालयों में महिला पुलिसकर्मियों के शिशुओं की देखभाल के लिए क्रेच की व्यवस्था के अलावा महिला पुलिसकर्मियों के लिए कार्यालयों में, आवश्यकतानुसार चेंजिंग रूम की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
इस अवसर पर, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), बी.एस. संधू ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस आधुनिक पुलिस स्मारक को उद्घाटन 21 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
हरियाणा पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए श्री संधू ने कहा कि यह स्मारक देश के युवाओं को हमारे पुलिस कर्मियों की बहादुरी और वीरता के बारे में जानकारी देकर प्रेरित करेगा। उन्होंने इस अवसर पर बहादुर पुलिस कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए कहा कि राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमारे अमर शहीदो ने अपने प्राण न्योछावर किए।
पुलिस शहीदों के आश्रितों को दी जा रही सुविधाओं का उल्लेख करते हुए श्री संधू ने कहा कि डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूलों में शहीद पुलिसकर्मी के बच्चों को बारहवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा भी दी जाती है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, डी.एस. ढेसी, महानिदेशक मुख्यालय के.के. मिश्रा, महानिदेशक होमगाड्र्स बी.के. सिन्हा, महानिदेशक अपराध पी.के. अग्रवाल, एडीजीपी संचालन ए.एस. चावला, एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव, एडीजीपी श्रीकांत जाधव, आईजीपी हनीफ कुरैशी, आईजीपी आधुनिकीकरण श्री एच.एस. दून, सीपी गुरुग्राम के.के. राव, सीपी फरीदाबाद संजय कुमार, आईजी ट्रैफिक राजश्री, विधायक तेज पाल तंवर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और जवान व शहीदों के परिजन भी उपस्थित थे।

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