देवघर । श्रावणी मेला में आए देवतुल्य श्रद्धालु बाबा का जलार्पण करने के साथ-साथ माँ पार्वती मंदिर व अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना करते देखना, अपने आप में एक सुखद अनुभूति प्राप्त करना हैं। देवतुल्य श्रद्धालुओं को मंदिर प्रांगण में बाबा बैद्यनाथ की आरती कर मंगलकामना करते देखना एक अद्भुत नजारा हैं। प्रातः बेला में मंदिर के घंटियों की आवाज और कांवरियों के जयघोष के बीच दीप प्रज्जवलित कर बाबा की आरती करते हुए श्रद्धालु एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
इन देवतुल्य श्रद्धालुओं को देखकर ऐसा लगता है कि इस धरती पर इससे ज्यादा सुखद अनुभूति की प्राप्ति कहीं ओर हो हीं नहीं सकती। वास्तव में जो आनन्द इन दृश्यों को देखकर होता है, वह किसी और चीज से प्राप्त नहीं हो सकता है। 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद भी इनकी श्रद्धा-आस्था देखते हीं बनती हैं। सिर्फ पूजन में हीं नहीं बल्कि मंदिर की संध्या आरती में भी श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। प्रतिदिन काफी संख्या में कांवरियां संध्या आरती में शामिल हो इस मनमोहक छटा का आनन्द उठाते हैं।
इसके अतिरिक्त प्रतिदिन सुबह शिवगंगा तट पर स्नान के लिये मौजूद कांवरियों की भीड़ भी काफी मनमोहक दृश्य चित्रित करती है, परन्तु इस सरोवर की अथाह गहराई को देखते हुए प्रशासन के द्वारा यहां स्नान करने वाले लोगों को लगातार निदेशित किया जा रहा है कि कोई भी श्रद्धालु सांय काल में इस सरोवर में स्नान न करें और न हीं गहरे पानी की ओर जायें।
इस दरम्यान आज मंदिर प्रांगण मे आरती करते हुए श्रद्धालुओं में से एक महिला बम से बात की। बात-चीत के दौरान उन्होंने कहा कि उनका नाम ललिता है और वह अपने परिवार के साथ नेपाल से यहाँ आयी हैं। बाबा का जलार्पण और बाबा नगरी आना अपने आप में पुण्य का कार्य है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष व्यवस्था और भी अच्छी है। उम्मीद है आगे आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान सरकार ऐसे हीं रखेगी।