सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। ममत्रिमंडल ने आज केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़े वर्गों के अंदर उप-श्रेणीकरण के विषय पर विचार के लिए गठित आयोग के कार्यकाल विस्तार को स्वीकृति देने के साथ साथ पूर्वोत्तर राज्य परिषद के पुनर्गठन करने एवम बांध सुरक्षा विधेयक सहित पेरू और फ्रांस के साथ समझौते के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़े वर्गों के आयोग का कार्यकाल अंतिम रूप से वर्तमान 20, जून 2018 से बढ़ाकर 31 जूलाई, 2018 तक करने की स्वीकृति दे दी है।
आयोग ने राज्य सरकारों, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों, विभिन्न समुदायिक संगठनों तथा पिछड़े वर्गों और समुदायों से जुड़े जनसाधारण सहित हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया। आयोग ने उच्च शैक्षिणक संस्थानों में दाखिल श्रेणीवार अन्य पिछड़े वर्गों के रिकॉर्ड प्राप्त करने के साथ-साथ केन्द्रीय विभागों, केन्द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में इसी तरह की श्रेणियों के अनुसार भर्तियों का डाटा प्राप्त किया।
संग्रहित किए गए डाटा पर विस्तृत विचार के लिए आयोग ने 31 जूलाई, 2018 तक कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया है।
मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद के पुनर्गठन को स्वीकृति दी :
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद के पुनर्गठन को स्वीकृति दे दी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर परिषद के पुनर्गठन में केंद्रीय गृहमंत्री को संस्था का पदेन अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया गया था।इस संस्था में सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सदस्य हैं। मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करने की भी स्वीकृति दे दी है।
प्रभाव :
एनईसी राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं को लागू करती है। नई व्यवस्था के अंतर्गत पूर्वोत्तर परिषद के अध्यक्ष गृह मंत्री होंगे और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री उपाध्यक्ष होंगे तथा पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री इसके सदस्य होंगे। यह परिषद अंतर-राज्य विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए मंच प्रदान करेगी और भविष्य में अपनाये जाने वाले समान दृष्टिकोणों पर विचार भी करेगी।
एनईसी अब मादक द्रव्यों की तस्करी, हथियारों और गोला-बारूदों की तस्करी, सीमा विवादों जैसे अंतर-राज्य विषयों पर विचार-विमर्श के लिए विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों द्वारा किए जा रहे कार्यों को करेगी।
एनईसी के नए स्वरूप से यह पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए कारगर संस्था बनेगी।
परिषद समय-समय पर परियोजना में शामिल परियोजनाओं / योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी, इन परियोजनाओं आदि के लिए राज्यों के बीच समन्वय के लिए कारगर उपायों की सिफारिश करेगी। परिषद को केंद्र सरकार द्वारा दी गई शक्तियां प्राप्त होंगी।
बांध सुरक्षा विधेयक, 2018 को संसद में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बांध सुरक्षा विधेयक 2018 को संसद में प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
लाभ :
यह विधेयक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को एकरूप बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद देगा, जिससे बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और इन बांधों से होने वाले लाभ सुरक्षित रहेंगे। इससे मानव जीवन, पशु धन और संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी।
अग्रणी भारतीय विशेषज्ञों और अतंर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार विर्मश के बाद प्रारूप विधेयक को अंतिम रूप दिया गया है।
विवरण :
· विधेयक में देश में निर्दिष्ट बांधों की उचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन तथा रख-रखाव का प्रावधान है, ताकि उनका सुरक्षित काम-काज सुनिश्चित किया जा सके।
· विधेयक में बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति गठित करने का प्रावधान है। यह समिति बांध सुरक्षा नीतियों को विकसित करेगी और आवश्यक नियमनों की सिफारिश करेगी।
· विधेयक में राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण का गठन नियामक संस्था के रूप में करने का प्रावधान है। यह प्राधिकरण नीति, दिशा-निर्देश और देश में बांध सुरक्षा के लिए मानकों को लागू करेगा।
· विधेयक में राज्य सरकार द्वारा बांध सुरक्षा पर राज्य समिति गठित करने का प्रावधान है।
राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण
· यह प्राधिकरण बांध सुरक्षा संबंधी डाटा और व्यवहारों के मानकीकरण के लिए राज्य बांधसुरक्षा संगठनों और बांधों के मालिकों के साथ संपर्क बनाए रखेगा।
· प्राधिकरण राज्यों तथा राज्य बांध सुरक्षा संगठनों को तकनीकी और प्रबंधकीय सहायता उपलब्ध कराएगा।
· प्राधिकरण देश के सभी बांधोंका राष्ट्रीय स्तर पर डाटा बेस तथा प्रमुख बांध विफलताओं का रिकॉर्ड रखेगा।
· प्राधिकरण किसी प्रमुख बांध की विफलताओं के कारणों की जांच करेगा।
· प्राधिकरण नियमित निरीक्षण के लिए तथा बांधों की विस्तृत जांच के लिए मानक दिशा-निर्देशों और नियंत्रण सूचियों को प्रकाशित करेगा और अद्यतन रखेगा।
· प्राधिकरण उन संगठनों की मान्यता या प्रत्ययन का रिकॉर्ड रखेगा, जिन्हें जांच, नए बांधों की डिजाइन और निर्माण का कार्य सौंपा जा सकता है।
· प्राधिकरण दो राज्यों के राज्य बांध सुरक्षा संगठन के बीच या किसी राज्य बांध सुरक्षा संगठन और उस राज्य के बांध के स्वामी के बीच विवाद का उचित समाधान करेगा।
· कुछ मामलों में जैसे, एक राज्य का बांध दूसरे राज्य के भू-भाग में आता है तो राष्ट्रीय प्राधिकरण राज्य बांध सुरक्षा संगठन की भूमिका भी निभाएगा और इस तरह अंतर-राज्य विवादों के संभावित कारणों को दूर करेगा।
बांध सुरक्षा पर राज्य समिति :
यह समिति राज्य में निर्दिष्ट सभी बांधों की उचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रख-रखाव सुनिश्चित करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी की बांध सुरक्षा के साथ काम कर रहे हैं। इसमें प्रत्येक राज्य में राज्य बांध सुरक्षा संगठन स्थापित करने का प्रावधान है। यह संगठन फील्ड बांध सुरक्षा के अधिकारियों द्वारा चलाया जाए9गा। अधिकारियों में प्राथमिक रूप से बांध डिजाइन, हाईड्रो मेकेनिकल इंजनीयरिंग, हाईड्रोलॉजी, भू तकनीकी जांच और बांध पुनर्वास क्षेत्र के अधिकारी होंगे।
एचडीएफसी बैंक की अतिरिक्त शेयर पूंजी अधिकतम 24,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की स्वीकृति :
बैंक में मिश्रित विदेशी हिस्सेदारी बैंक की बढ़ाई गई प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी के 74 प्रतिशत तक सीमित की गई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मेसर्स एचडीएफसी बैंक लिमिटेड को अधिकतम 24,000 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये की पहले स्वीकृत सीमा से ऊपर प्रीमियम शामिल है जिससे बैंक में मिश्रित विदेशी हिस्सेदारी बैंक की बढ़ाई गई प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी के 74 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि बैंक में सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मिलाकर मिश्रित विदेशी हिस्सेदारी बैंक की बढ़ाई गई प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी के 74 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी और इस पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति की शर्ते तथा अन्य क्षेत्र संबंधी नियमन/दिशा-निर्देश लागू होंगे।
प्रस्तावित निवेश से बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात मजबूत होने की आशा है।
मंत्रिमंडल की भारत और पेरू के बीच समझौते को मंजूरी :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और पेरू के बीच हुए समझौते को मंजूरी दी। इस समझौते पर मई 2018 में लीमा, पेरू में हस्ताक्षर किए गए थे।
इस समझौते का उद्देश्य नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के मामलों में आपसी लाभ, और समानता के आधार पर तकनीकी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक संस्थागत संबंध स्थापित करना है। इस समझौते के तहत कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करने हेतु एक संयुक्त समिति गठित की गई है।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग सुदृढ़ होगा।
फ्रांस के साथ चिकित्सा क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी :
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और इंस्टीट्यूट नेशनल द ला सांतित द ला रिसर्चेमेडिकाले (आईएनएसईआरएम), फ्रांस के बीच मार्च 2018 को किए गए समझौते ज्ञापन (एमओयू) के बारे में अवगत कराया गया।
विशेषताएं:
इस एमओयू का उद्देश्य चिकित्सा, जैविक विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्र में आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग करना है। दोनों पक्षों के बेहतरीन वैज्ञानिक तरीकों के आधार पर दोनों देशों के बीच निम्नलिखित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने पर सहमति बनी :
मधुमेह और मेटाबोलिक विकार;
जीन एडिटिंग तकनीक के आचार और नियामकता मुद्दे पर केंद्रित जैविक नैतिकता
दुर्लभ बीमारियां
दोनों पक्षों के बीच चर्चा के बाद आपसी हित के अन्य क्षेत्र पर विचार किया जाएगा
इस एमओयू से आईसीएमआर और आईएनएसईआरएम के बीच अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के खाके के अंतर्गत आपसी हित के क्षेत्र में संबंध और सुदृढ़ होंगे। दोनों पक्षों की वैज्ञानिक उत्कृष्टता से विशिष्ट क्षेत्र में स्वास्थ्य अनुसंधान पर सफल कार्य करने में मदद मिलेगी।