सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रगति मैदान में होटल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव के तहत निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष को होटल निर्माण और संचालन के लिए 3.7 एकड़ जमीन 99 साल के लिए देने का निर्णय लिया गया है। इस जमीन के मुद्रीकरण, एल एंड डीओ द्वारा लगाए गए शुल्कों की माफी तथा रेल मंत्रालय द्वारा बढ़ाई गई भूमि शुल्कों की माफी को आज मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रगति मैदान में भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा 3.7 एकड़ भूमि के मुद्रीकरण को मंजूरी दे दी है। यह कार्य पारदर्शी स्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष द्वारा होटल निर्माण और संचालन के लिए 99 वर्षों के पट्टे के आधार पर होगा।
यह कदम प्रगति मैदान की विकास परियोजना चरण-1 का हिस्सा है, यानी एकीकृत एक्जीबिशन सह कंवेंशन सेंटर (आईईसीसी) का हिस्सा है। इसकी स्वीकृति 2254 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत के साथ जनवरी, 2017 में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा की गई थी। आईईसीसी परियोजना के अंतर्गत सात हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था, 1,00,000 वर्ग मीटर का प्रदर्शनी क्षेत्र और 4800 वाहनों की बेसमेंट पार्किंग सुविधा के साथ विश्व स्तरीय अत्याधुनिक एक्जीबिशन सह कंवेंशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। प्रगति मैदान के आस-पास के क्षेत्रों में यातायात भीड़-भाड़ दूर करने के कदमों से क्षेत्र में भीड़-भाड़ में कमी आएगी।
भूमि के मुद्रीकरण के माध्यम से उगाहे गए कोष का इस्तेमाल आईईसीसी परियोजना के धन पोषण के एक उपाय के रूप में किया जाएगा। आईईसीसी परियोजना व्यापार प्रोत्साहन के लिए शिखर स्तरीय बैठकों तथा प्रदर्शनियों / कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए आवश्यक है।
आईईसीसी परियोजना और यातायात भीड़-भाड़ दूर करने का कार्य तेजी से चल रहा है। आटीपीओ ने कहा है कि पूरी परियोजना सितंबर, 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है। आईईसीसी परियोजना से भारतीय व्यापार को लाभ होगा तथा भारत का विदेश व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।