रंगमंच से अब पर्दे पर आ गयी है रामलीला

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रामायण के प्रति आज भी है श्रद्धा भाव

धर्मेन्द्र यादव

फरीदाबाद :  विलुप्त होती जा रही है रंगमंच पर कालाकारों द्वारा दिखाई जाने वाली रामलीला अब पर्दे पर दिखाई जा रही है. हैरानी की बात ये है कि बदलते दौर में आज भी लोगों में रामायण के प्रति वो ही श्रद्धा भावना देखने को मिल रही है जो कभी 90 के दशक में देखने को मिलती थी,, फरीदाबाद सैक्टर 30 के मैदान में दशहरा कमेटी द्वारा पर्दे पर दिखाई जा रही रामायण को सैंकडों बुजुर्ग महिला और बच्चे बडी श्रद्धा से देखते हुए नजर आये। वहीं लोगों के मनोरंजन के लिये संस्था द्वारा दशहरा पर्व को लेकर भव्य मेले का भी आयोजन किया गया है जिसमें लोग बडे ही हर्षोल्लास से मेला देख रहे हैं।
कभी मंच पर अभिनय दिखाने वाले राम अपने मर्म स्वभाव से तो कभी रावण अपने घमंड से दर्शकों का मन मोह लिया करते थे मगर बदलते दौर को देखते हुए मंच पर होने वाली रामलीला अब धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है.  रंगमंचों की जगह अब आधुनिक युग के संसाधनों ने ले ली है. मगर देखने वाली बात तो ये है कि आज भी लोगों में रामायण की रामलीला के प्रति वो ही श्रद्धा भाव है जो कि  कभी 90 के दशक में होता था।

बच्चों में भी है आकर्षण

यहाँ आने वाले बच्चे भी काफी संख्या में हैं जो रात के समय जमीन पर बैठकर खुले आसमान के नीचे बिन पलक झपकाये हुए एलईडी पर दिखाई जा रही रामायण को  ध्यान पूर्वक देखते  हैं .कुछ ऐसा ही नजारा आज से करीब 10 बर्षो पूर्व देखने को मिलता था जब सामने मंच पर कलाकार रामायण के पात्रों को दर्शाते थे। यह रामायण दशहरा कमेटी द्वारा फरीदाबाद के सैक्टर 30 के मैदान में दिखाई जा रही है इसके साथ साथ मैदान में भव्य मेले का भी आयोजन किया गया है जिसमें मनोरंजन के विभिन्न प्रकार के झूले लगाये गये हैं।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए दशहरा कमेटी के प्रधान कौशल बाटला ने बताया कि इस बार से 23वां मेला है जिसमें 25 प्रकार के झूलों सहित अन्य मनोरंजन के संसाधन भी लगाये गये हैं, वहीं दर्शकों को संस्कृति से जोडे रखने के लिये पर्दे पर रामायण भी दिखाई जा रही है जिसमें लोगों का रुझान भरपूर देखने को मिल रहा है
वहीं मेला देखने पहुंचे वकील संदीप चपराना ने कहा कि वो जब छोटे बच्चे थे तो उनका भी ध्यान रामायण और महाभारत दोनों ग्रंथो के साथ था, मगर जिस तरह से दुनियां बदल रही है उसके बाबजूद भी लोगों जुडाव रामायण के प्रति बरकरार है।
महिला दर्शक कामनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रामायण देखने से सभी को ज्ञान मिला है इतना ही नहीं इन ग्रंथो से पुरानी संस्कृति की भी पहचान होती है।

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