बुखार पीडितों ने पपीते के पेड़ों को नंगा कर दिया

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अफवाहों के शिकार चिकनगुनियां, डेंगू , मलेरिया व वायरल बुखार से पीडित लोग

धर्मंद्र यादव 

फरीदाबाद :  फरीदाबाद में इन दिनो तेजी से पैर पसार रहे चिकनगुनियां, डेंगू मलेरिया व वायरल बुखार से पीडित लोगों ने शहर के ही नहीं बल्कि गांवों में लगे पपीते पेडों को नंगा कर दिया है.  अफवाहों का शिकार हो रहे बुखार के मरीजों ने अब शहर में पपीतों के पेडों पर पत्ते न होने के बाद गांवों की ओर रुख कर लिया है, चारों तरफ तरह-तरह की अफवाहे फैल रही है कि केवल पपीते के पत्तों का सेवन करने से सभी प्रकार के बुखार ठीक हो जायेगें। जबकि आयुश विभाग का मानना है कि पपीते के पत्ते ठीक है, लेकिन इनके साथ दवा भी जरूरी है।
विभिन्न प्रकार के बुखार के चलते पूरा शहर परेशान है कि आखिर हो क्या रहा है। ऐसे में छोटे से लेकर बड़े डाक्टर तो अपनी दुकान चमका ही रहे है, लेकिन अफवाह भी तेजी से फैल रही है। कोई इस तरह के बुखार को ठीक करने के लिए गिलोये के पत्तों के पीछे भाग रहा है तो कोई पपीते के पत्तों के पीछे। यहां तक की लोगों ने चुन-चुन कर पपीते के पेडों से पत्ते साफ करके उन्हे नंगा कर दिया है।  शहर में अब एक भी पपीते का पेड ऐसा नहीं है जिसपर पत्ते नजर आ रहे हैं, इस दौर में लोगों ने पत्तों को बेचना भी शुरू कर दिया था।
इस बारे में ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके घर मे पपीते तीन पेड लगे हुए थे, उनका गांव पलवली फरीदाबाद शहर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है उसके बाद भी उनके घर शहर से कुछ बुखार से पीडित लोग आये और पपीते के पत्ते तोड कर ले गये, इन लोगों ने उनके दो पेडों को तो बिल्कुल नंगा कर दिया है अब उनके यहां बस एक पेड बचा है जिसपर कुछ पत्ते बाकी हैं, वहीं उनका कहना है कि लोग कहते हैं कि पपीते के पत्ते बुखार में काफी हद तक मददगार हैं।

क्या कहते हैं डाक्टर ?

जबकि आयुश विभाग की डाक्टर सीमा का कहना है कि इस तरह के बुखार में गिलोए का सेवन अच्छा है। पपीते का भी सेवन किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ-साथ दवा लेना भी जरूरी है। पपीते के पत्ते अकेले इस तरह की बिमारी का ईलाज नहीं है कि इनके  सेवन मात्र से मरीज ठीक हो जायेगा। आयूर्वेद में इसके लिए उनके पास अनेक प्रकार दवा उपलब्ध है।

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