अस्पतालों के पंजीकरण को लेकर अधिनियम 2010 के लिए अध्यादेश लाएगी हरियाणा सरकार

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50 बेड से अधिक सुविधा वाले अस्पताल आएंगे इसके दायरे में 
 
चंडीगढ़, 16 जनवरी – हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार करने के अपने अभियान को जारी रखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र सरकार द्वारा अधिनियमित चिकित्सीय प्रतिष्ठानों का अंगीकरण (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 अपनाने के लिए एक अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया।
         हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अध्यादेश लाना इस लिए आवश्यक था क्योंकि इस समय विधान सभा सत्र  नहीं चल रहा कि गुणवत्तापरक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए सुविधाओं और सेवाओं के न्यूनतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सीय प्रतिष्ठानों का विनियमन एवं पंजीकरण किया जा सके। अध्यादेश 50 से अधिक बिस्तर वाले चिकित्सीय प्रतिष्ठïानों को कवर करेगा। 
उन्होंने कहा कि अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन राज्य के चिकित्सीय प्रतिष्ठानों द्वारा उपचार और मरीजों की देखभाल के लिए नैतिक चिकित्सा आचरणों को अपनाया जाना सुनिश्चित करेगा। धोखाधड़ी या अनैतिक कार्यों में लिप्त चिकित्सीय प्रतिष्ठानों के खिलाफ चिकित्सीय  प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी। इसके अलावा, यह अधिनियम रोगियों का उचित और किफायती दरों पर गुणवत्ता देखभाल और उपचार भी सुनिश्चित करेगा।
          यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय चिकित्सा संघ सहित विभिन्न हितधारकों ने  आग्रह किया था कि 50 बिस्तरों की क्षमता वाले छोटे चिकित्सीय प्रतिष्ठानों को आरंभ में अधिनियम की प्रयोज्यता से छूट दी जाए क्योंकि वर्तमान में अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने के लिए उनकी क्षमता और तैयारी में कमी है। ऐसे प्रतिष्ठानों को आमतौर पर एक ही डॉक्टर द्वारा प्रबंधित किया जाता है और उनके लिए अधिनियम की आवश्यकताओं को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। 

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