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: पंचायत और प्रदर्शन में पूर्व मंत्री आफताब अहमद ओर रिटायर्ड राजदूत आज़ाद टूर सहित दो दर्जन संगठनों ने भाग लिया
: रेनू मौत मामले की सीबीआई से जांच कराने और नैतिकता के आधार पर सीएम को इस्तीफा देने की पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने पंचायत में प्रस्ताव पारित कराया
: पुलिस विभाग ने 31 जनवरी तक मांगा समय
: आरोपी गिरफ्तार नही तो 5 फऱवरी को प्रदेश के सभी जिलों में होगा प्रदर्शन
: प्रदर्शन को मेवात युवा टीम ने भी अपना समर्थन
आरोपियोन की गिरफ्तारी ना होने से दलित समाज और युवा वर्ग में भारी रोष
यूनुस अलवी
मेवात : मेवात मॉडल स्कूल नूंह के छात्रावास में गत 19 दिसंबर को कक्षा बारह की नाबालिग छात्रा रेणु की मौत का मामले में अभी तक किसी भी आरोपी कि गिरफ्तारी ना होने से दलित समाज, युवा वर्ग और पीडित परिवार में पुलिस विभाग के खिलाफ भारी रौष है। आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से नाराज दलित समाज, युवा वर्ग, राजनीतिक, पंच, सरपंच ओर चौधरीयों ने मंगलवार को नूह में सर्व समाज महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें फैसला लिया गया कि आगामी 31 जनवरी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो 5 फरवरी को पूरे प्रदेश में जिला स्तरीय दलित समाज सरकार और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा पंचायत में पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद, रिटायर राजदूत आजाद सिंह तूर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मामन खान इंजीनियर, तैयब हुसैन घसेडिया, जिला पार्षद जगन, पार्षद जमीन और पार्षद अंजुम सहित काफी प्रमुख लोगों ने भाग लिया। सर्व समाज की पंचायत वदलित समाज से एक दर्जन संगठनों के प्रतिनिधि प्रदेश के विभिन्न जिलों से कई संगठनों के प्रतिनिधि मेवात पहुंचे। पंचायत में पुलिस विभाग की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे नूंह थाना प्रभारी एवं एसआईटी के सदस्य संजय कुमार ने आश्वासन दिया कि इस मामले का नतीजा 31 जनवरी तक सामने आ जाएगा और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो जाऐगी। थाना प्रभारी के आश्वासन के बाद पंचायत ने पुलिस को 31 जनवरी तक का समय दे दिया।
पंचायत के बाद सभी लोगों ने नूंह के मिनी सचिवालय के सामने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और डीसी की मार्फत सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी 31 जनवरी तक नहीं की गई तो 5 फरवरी को प्रदेश भर के सभी जिलों में दलित समाज के सभी संगठन सरकार और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
सेवानिवृत राजदूत (आईएफएस) आजाद सिंह तूर ने कहा कि इस बारे में अनुसूचित जाति समाज और इलाके के प्रमुख लोगों की तीन बार पंचायतें हो चुकी है। पुलिस विभाग ने आरोपियों को पकडना तो दूर उनको हिरासत में भी नहीं लिया। इससे साफ जाहिर है कि पुलिस इस मामले में लारवाही बरत रही है। उन्होने कहा प्रशासन को अब 31 जनवरी तक का समय दिया गया है उसके बाद सरकार और प्रशासन से आरपार की लडाई लडी जाऐगी।
पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद ने कहा कि मेवात ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। एक-एक दिन में कोई भी सरफिरा 6-6 लोगों की हत्या कर देता है और पुलिस को पता भी नहीं चलता। मुख्यमंत्री को अपनी नाकामी मानकर तुरंत नेतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। वहीं उन्होने रेनू मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर उन्होनें पंचायत से हाथ उठवाकर प्रास्ताव पारित कराया। उन्होने कहा रेनू मामले में निश्पक्ष जांच होनी चाहिए।
जिला पार्षद जगन का कहना है कि पंचायत में हिंदु-मुस्लिम धर्म के सभी नेता, चौधरी, युवा टीम और प्रमुख लोगो ने पहुंचकर जता दिया कि अब पुलिस को रेनू मामले में लापावाही बरतना आसान नहीं होगा। अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार ना करने से साफ जाहिर है कि पुलिस की नीयत में खोट है और आरोपियों को बचाने की फिराक में हैं।
- इस मौके पर मामन खां इंजिनियर, तैयब घासेडिया, जगन जिला पार्षद, अंजुम पार्षद, जमील जिला पार्षद, युवा टीम के सदस्य बुरहान, मोलाना साबिर कासमी, शाहिद, इरशाद, अलताफ, रंण्जीत सिंह डारेक्टर, कोहली समाज के प्रदेश अध्यक्ष संतराज, आवाज फांउडेशन के जिला अध्यक्ष बलवान सिंह रंगा, अंबेडकर समाज के ओपी कायत, ओम प्रकाश चौपडा, अमर सिंह सरपंच, रमेश, ओम प्रकाश ठेेकेदार, बालू लाल, राम प्रशाद, बलबीर सिंह, मुबीन सरपंच, ऐडवोकेट राकेश, रणबीर सिंह, सलामुदीन ऐडवोकेट, सरफूदीन मेवाती, सहित काफी लोग मोजूद थे