नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव, घोषणा से पूर्व ही बेहद रोचक मोड़ लेता जा रहा है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सारे घोड़े उसी राज्य की ओर दौड़ा दिए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस वहां भाजपा के खिलाफ एक महागठबंधन बनाने की तैयारी में जुटी हुई है. कहा जा रहा है कि भाजपा ने जनता को तोहफा देने का तो कांग्रेस ने जीत के लिए नया गठबंधन का प्लान बना लिया है। कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ जो खाका तैयार किया है उस महागठबंधन में नित नए भाजपा विरोधी नेताओं को शामिल करने का फार्मूला है. हालाँकि कांग्रेस की ओर से पार्टी में शामिल होने के लगातार मिल रहे न्योते के प्रति हार्दिक पटेल ने अभी कुछ नहीं कहा है लेकिन शनिवार शाम ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने नई दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी हामी भर दी.
राहुल गाँधी से ख़ास मुलाकात के बाद अल्पेश ने साफ़ कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है औए 23 अक्टूबर सोमवार को कांग्रेस पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं. संकेत यह है कि अल्पेश कांग्रेस टिकट पर चुनाव लडऩे को तैयार हैं. राहुल गांधी की मौजूदगी में वह कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि गुजरात कांग्रेस ईकाई की ओर से युवा नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी समुदाय के नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को एक साथ आने का न्योता दिया था लेकिन लगता है हार्दिक पटेल अभी विचारों के भंवर में फसे हुए हैं जबकि अप्लेश ने अपने राजनीतिक भविष्य का निर्णय ले लिया.
साथ है कहा जा रहा है की कांग्रेस ने एनसीपी और जेडीयू के एकमात्र विधायक छोटू भाई वसावा को भी इस महागठबंधन में शामिल करने का संकेत दिया है.चर्चा यह है कि प्रदेश कांग्रेस को इस समीकरण के बाद 125 सीटें जीतने की संभावना दिख रही है.
अगर बात करें हार्दिक पटेल की तो वह अपना दुश्मन नंबर वन भाजपा को मानता है. उसने कहा है कि जो भी भाजपा को हराएगा वह उसके साथ होगा लेकिन अब तक के उकसे बयान से यही लगता है कि हार्दिक पटेल चुनाव नहीं लडेगा. हार्दीक हमेशा भाजपा को अहंकारी कहता है और लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाता रहा है. दूसरी तरफ जिग्नेश मेवाणी भी चुप हैं लेकिन यह अवश्य कहा है कि वह भाजपा को हराने के लिए काम करेंगे.