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जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की बैठक में बोले जिला उपायुक्त विनय प्रताप
हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड के साथ ऑनलाइन लिंकेज का काम एक सप्ताह में पूरा होगा
गुरुग्राम, 29 सितंबर। उद्यमियों की सुविधा के लिए गठित जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की बैठक आज हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम(एचएसआईआईडीसी)के आईएमटी मानेसर स्थित कार्यालय में आयोजित की गई . इस बैठक की अध्यक्षता जिला उपयुक्त विनय प्रताप सिंह ने की. आज की बैठक में कुल 63 मामले रखे गए जिनमें से कमेटी द्वारा मौके पर ही 21 को मंजूरी दी गई।
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि एचएसआईआईडीसी के क्षेत्र में अब उद्योग लगाने के लिए स्व: प्रमाणित बिल्डिंग प्लान ही पर्याप्त है और इसके लिए स्वीकृति अथवा अप्रूवल की कोई आवश्यकता नही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए नए प्रावधान के अनुसार उद्यमी अपने आर्किटैक्ट से बिल्डिंग प्लान तैयार करवाने के बाद उससे प्रमाणित करवाकर जमा करवाना ही काफी है। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग प्लान की प्रमाणित कॉपी ही केवल मात्र सूचना के लिए एचएसआईआईडीसी में जमा करवानी है। उन्होंने कहा कि इस प्रावधान से उद्यमियों को अपने उद्योग स्थापित करने में सुविधा होगी।
आज की बैठक में श्रम विभाग से संबंधित कई मामले रखे गए थे जिनमें श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनके विभाग से संबंधित सेवाओं की हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड के साथ ऑनलाइन लिंकेज की जा रही है जिसकी वजह से ऑनलाइन कंपोजिट फार्म उनके यहां प्रदर्शित अभी नही हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्य अगले एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा ,उसके बाद श्रम विभाग से संबंधित स्वीकृति अथवा अनापत्ति पत्र निर्धारित समयावधि में जारी कर दिए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि वे इस संबंध में श्रम विभाग के उच्च अधिकारियों को अर्ध-सरकारी पत्र लिखेंगे। इसी प्रकार, आज की बैठक में श्री बालाजी ग्रिट उद्योग मऊ का मामला भी रखा गया था जिसमें हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि यह आवेदन वहां पर वर्तमान में चल रहे स्टोन क्रैशर के विस्तार का है, जिसके बारे में अभी नीतिगत फैसला नही लिया गया है। इस पर भी उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेयरपर्सन धीरा खंडेलवाल को पत्र लिखकर उनसे मार्गदर्शन लिया जाएगा।
बैठक में उपायुक्त ने आईएमटी मानेसर की इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन से भी डीएलसीसी कमेटी का कार्य सुचारू करने के बारे में सुझाव मांगे और कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है ताकि यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिले। साथ ही उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि कंपोजिट एप्लीकेशन फार्म ऑनलाइन प्राप्त होते ही उसे सभी संबंधित विभागों में एक सप्ताह के भीतर भेज दिया जाए और उनसे भी उस पर तत्काल कार्यवाही करने का आग्रह किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पर 30 दिन के भीतर कार्यवाही हो जानी चाहिए। यदि आवेदन में कोई कमी है तो भी आवेदक को आवेदन के एक सप्ताह के अंदर ही सूचित किया जाए ताकि वह उस कमी को दूर कर सके और आवेदन की स्वीकृति आदि में अनावश्यक देरी ना हो।
उद्योगों के लिए गठित जिला स्तरीय ग्रीवेंस कमेटी की बैठक भी आयोजित
इसके बाद वही पर उद्योगों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित जिला स्तरीय ग्रीवेंस कमेटी की बैठक भी आयोजित की गई जिसमें चार मामले रखे गए। इनमे एक मामला मैसर्स गैलेक्सी रोलर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड खांडसा सैक्टर-74 का था। इस मामले में शिकायतकर्ता एलएम छाबड़ा ने उपायुक्त को बताया कि उसने बिल्डिंग प्लान नगर निगम गुरुग्राम से स्वीकृत करवाने के लिए 30 अगस्त 2016 को ऑनलाइन कंपोजिट एप्लीकेशन फार्म में आवेदन किया था जो जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी के समक्ष 15 सितंबर 2016 को रखा गया। इसके पश्चात् मामले पर चर्चा हुई और 14 मार्च 2017 को डीएलसीसी द्वारा उसे ‘डीम्ड अप्रूवल’ दी गई। इस विषय में डीएलसीसी के सदस्य सचिव ने नगर निगम गुरुग्राम को सूचित करते हुए बिल्डिंग प्लान अप्रूवल का पत्र जारी करने को कहा। इसके पश्चात् भी अब तक उसे नगर निगम द्वारा बिल्डिंग प्लान अप्रूवल का पत्र नही मिला है। इस पर उपायुक्त ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सदस्य सचिव भागमल तक्षक को आदेश दिए कि वे पुन: नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को बिल्डिंग प्लान अप्रूवल का पत्र जारी करने के निर्देश देंवे। उन्होंने आवेदक से कहा कि यदि एक सप्ताह में उनका काम ना होने पर व्यक्तिगत रूप से उनसे उपायुक्त कार्यालय में संपर्क करें।
इसी प्रकार एक अन्य मामले का निपटारा करते हुए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदक को देय राशि का रिफंड जल्द करें। यह मामला मैसर्ज सुप्रीम रबर इंडस्ट्रीज सैक्टर-7 मानेसर का था, जिसमें आवेदक ने बताया कि उसने नियमानुसार कार्यवाही करते हुए बिजली निगम को डिमांड नोटिस भेज रखा है। बिजली निगम द्वारा उसे एक लाख 52 हज़ार रूपये की राशि लौटाई जानी है।
इस बैठक में जीआईए गुरुग्राम की समस्याओं पर भी चर्चा की गई और बताया गया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार जिला उद्योग केन्द्र का क्षेत्र एचएसआईआईडीसी से नगर निगम गुरुग्राम को हस्तांतरित किया जाना था, जो अभी तक नही हो पाया है। इसी वजह से उस क्षेत्र में सडक़ो, सीवरेज, बरसाती पानी निकासी तथा कचरा प्रबंधन ठीक ढंग से नही हो पा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि वे इस संबंध में गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारियों से विचार विमर्श करके सडक़ो की मरम्मत आदि कार्यों के लिए एस्टीमेट तैयार करने का आग्रह करेंगे।
इस अवसर पर एचएसआईआईडीसी के अतिरिक्त महाप्रबंधक ओ पी गोयल, मानेसर की तहसीलदार मीतू धनखड़, नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह , आयुष विंग की एएमओ डा. शैफाली गोयल , उप श्रम आयुक्त दिनेश कुमार व आर के सैनी, सहायक निदेशक औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य प्रफुल बैनीवाल, आईएमटी मानेसर औद्योगिक एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश चंद, मिवा के अध्यक्ष मनमोहन , महासचिव सुमन चावला, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. जे बी शर्मा सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे।