सरपंच के पास पंचों का बहुमत नहीं, पिछले डेढ़ साल से नहीं हुआ विकास

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: खेड़ी खुर्द पंचायत में विकास के लिए आए 40 लाख रुपये खाते में पड़े हैं

यूनुस अलवी

 
मेवात:    नूंह जिला के गांव खेडी-खुर्द में सरपंच और पंचों की आपसी राजनीति की चलते गांव का विकास पिछले डेढ साल से रूका हुआ है। गांव के विकास के लिए आया हुआ करीब 40 लाख रूपये पंचायत के खातों में ही रखा हुआ। सरपंच के पास पंचों का बहुमत ना होने की वजह से कोई भी प्रस्ताव नहीं हो रहे हैं। अब ये मामला मेवात के कलेक्टर की अदालत में चला गया है। शुक्रवार को दोनो पक्षों की सुनवाई होनी थी लेकिन डीसी के उपस्थित ना होने से आज सुनवाई नहीं हो सकी।
 
    गांव खेडी-खुर्द की सरपंच कुलसुम ने बताया कि पंचायत के चुनाव में वह सरपंच चुनी गई थी। गांव में कुल 8 पंचायत सदस्य हैं। जिनमें से 5 पंच उसके विरोधी सरपंच गुट के बन गऐ। पंच किसी के बहकावे में आकर वे पंचायत को कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। यहां तक की कई पंचों ने तो लिखकर दे दिया है कि वे गांव में विकास ही नहीं चहाते हैं। सरपंच का कहना है कि पंचो की गांव के विकास कराने की जिम्मेदारी बनती है जबकि उनकी पंचायत के पंच गांव के विकास में रोडा बने हुऐ हैं। सरपंच का कहना है कि उसने सभी पंचों को कई बार मीटिंग में बुलाया लेकिन वे नहीं आऐ। उसके पास पंचों का बहुमत ना होने की वजह से वह कोई प्रस्ताव पास नहीं कर सकती जिसकी वजह से गांव का पिछडे डेढ साल से विकास रूका हुआ है। उन्होने बताया कि जिन पंचों ने गांव का विकास नहीं चहाते हैं, लिखकर दे रखा है उसको मुद्दा बनाकर उसने नूंह डीसी की अदालत में मामल डाला हुआ है। सरपंच का कहना है कि जब पंच की गांव का विकास नहीं चहाते तो ऐसे पंचों का बना रहना उचित नहीं हैं, ऐसे पंचों को तुरंत बरखास्त कर देना चाहिए और नये पंचों का चेयन हो।
 
   सरपंच का कहना है कि उसने बिदारी तौर पर भी पंचों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे किसी के बहकावे में आकर पंचायत को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
 
 उधर विरोधी पंच रफीक ने हमारे संवादाता को बताया कि गांव की सरपंच ही उनका साथ नहीं चहाता है। सरपंच ने ग्राम भ्रस्टाचार कमेठी और निगारी कमेठी बनाई थी। कमेठीयां बनाते समय उनको पूछा तक नहीं था। वहीं उनहोने माना किया चुनाव के बाद जो मीटिंग हुई थी वह गल्त फहमी की वजह से उनहोने लिखकर दे दिया था कि वे गांव में विकास नहीं चहाते। लेकिन अब वे मिलकर विकास चहाते हैं।

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