लिखने में अक्षम दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी मर्जी के अनुसार मिलेगा लेखक : प्रो. रामबिलास

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परीक्षार्थी से कम योग्यता के लेखक होने की शर्त को हटा दिया गया

 
चंडीगढ़, 29 सितंबर : हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि लिखने में अक्षम दिव्यांग विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा में उनकी मर्जी के अनुसार लेखक दिया जाएगा और अब परीक्षार्थी से कम योग्यता के लेखक होने की शर्त को हटा दिया गया है।
 
श्री शर्मा ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के माध्यम से सर्व शिक्षा अभियान तथा राष्टï्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सभी जिला प्रोजेक्ट समन्वयकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि भारत सरकार द्वारा तय नियमों का पालन किया जाए और दिव्यांगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनकी परीक्षा हेतु एक नीति बनाई जाए।
 
उन्होंने बताया कि कोई भी विद्यार्थी जो चलने-फिरने,लिखने,पढऩे या अन्य कार्य में अक्षम है और 40 प्रतिशत से ज्यादा अशक्तता से ग्रस्त है,अगर वह परीक्षा के दौरान लिखने या अन्य कार्य के लिए सहायक,जो कि लेखक/पाठक/लैब असिस्टेंट के रूप में हो सकता है, लेने का इच्छुक है तो उसको अपना परीक्षा फार्म भरते समय विवरण भरना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तकनीक में काफी सुधार हुआ है और दिव्यांग विद्यार्थियों की सुविधा के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। 
 
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अशक्त परीक्षार्थियों के लिए रखे जाने वाले लेखक या अन्य सहायक की शैक्षणिक योग्यता ,आयु तथा अन्य शर्तों के मापदंड को हटा दिया गया है। परीक्षा में ड्यूटी देने वाले को सख्त हिदायत दी जाएंगी कि इस दौरान लेखक परीक्षार्थी की नकल या अन्य अनुचित साधन से किसी भी प्रकार की अवैध सहायता न कर सके। उन्होंने बताया कि ‘एक्जामिन बॉडी’ परीक्षा से पहले दिव्यांग परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए लेखक/पाठक/लैब असिस्टेंट का एक पैनल भी बना सकती है जिनमें से दिव्यांग परीक्षार्थियों को उनमें से एक उपलब्ध करवाया जा सके। अगर दिव्यांग परीक्षार्थी अपने लेखक से मिलना चाहे तो परीक्षा से एक दिन पहले मिल भी सकता है ताकि जांच कर सके कि वह सही है या नहीं। इसके अलावा दिव्यांग परीक्षार्थी अपनी मर्जी का लेखक/पाठक/लैब असिस्टेंट रखने का सुझाव भी दे सकता है। 
 
उन्होंने बताया कि दिव्यांग परीक्षार्थी अगर चाहे तो भाषा के पेपरों में अलग-अलग लेखक की भी मांग कर सकता है,बशर्ते उसको अपना परीक्षा फार्म भरते समय उक्त आवश्यकता जतानी होगी। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर के माध्यम से दी जाने वाली परीक्षा में परीक्षा से एक दिन पहले दिव्यांग को कंप्यूटर की जांच करने की अनुमति दी जा सकती है ताकि कंप्यूटर में कोई कमी है तो उसको ठीक किया जा सके।
श्री शर्मा ने आगे जानकारी दी कि जो दिव्यांग परीक्षा के दौरान लेखक/पाठक/लैब असिस्टेंट नहीं लेना चाहता तो उसको 20 मिनट प्रति घंटा के अनुसार प्रतिपूरक समय दिया जा सकता है परंतु यह परीक्षार्थी की दिव्यांगता अथवा अक्षमता के आधार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार दिव्यांग जनों को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए प्रयासरत है ताकि वे भी समाज में स्वावलंबी बन सकें। 

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