मानसिक रोगियों के लिए वरदान साबित होंगे ग्रुप होम
गुरुग्राम 26 सितम्बर। हरियाणा में पहली बार मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए ग्रुप होम का शुभारंभ मंगलवार को संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) द्वारा शुभारंभ किया गया है। यह अपने तरह का हरियाणा का समुदाय आधारित पहला और शायद देश में ऐसे कुछ ग्रुप होम्स में एक है।
सिजोफ्रेनिया या बाइपोलर के गंभीर रोगी समाज से अलग-थलग पड़ जाते हैं और वे अक्सर घरों में अपने आप को बंद कर लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व की तीन प्रतिशत आबादी गंभीर मानसिक रोगों से प्रभावित है और पूरी दुनिया में इसका अनुपात एक समान है। भरत में करीब 35 मिलियन लोग इस तरह की बीमारियों के शिकार हैं। इसमें दवा से रोगियों की स्थिति में स्थिरता आती है लेकिन ऐसे लोगों के समुदाय में पुर्नस्थापना ( शामिल करने ) के लिए स्वास्थ लाभ की प्रक्रिया की आवश्यकता है।
ग्रुप होम का शुभारंभ करते हुए एमपीएस लिमिटेड के चेयरमैन नितिश अरोड़ा ने कहा-‘हमारे समाज में इस तरह के आवास की बहुत सख्त जरूरत महसूस की जा रही थी। यह गु्रप होम यहां ठहरने वाले लोगों के लिए स्वर्ग साबित हेागा। मानसिक रोगों से पीडि़त लोगों के लिए अलग से आवास उनकी स्वास्थ्य लाभ प्रक्रिया का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।’
अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान में किसी भी प्रकार के मानसिक रोग से पीडि़त केा समुदाय में स्वस्थ रुप से अपना जीवन जीने का अधिकारी है, इसमें समुदाय की अह्म भूमिका होती है। इसलिए हम सभी को सकारात्मक रुप से मानसिक रुप खासतौर पर स्किजोफ्रेनिया से पीडि़तों के लिए आगे आना चाहिए, तभी वे मानसिक और शारिरीक रुप से मजबूत बन सकेंगे।
इस अवसर पर संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी राजीव अग्रवाल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के अध्याय 5 के प्रावधानों के अनुसार गु्रप होम मानसिक रोग से पीडि़त व्यक्ति का अधिकार है और सरकार की जवाबदेही भी बनता है। मौजूदा परियोजना अधिनियम के प्रावधानों को पूरा करती है।
उन्होंने बताया कि ऐसे गु्रप होम मानसिक रोगों से पीडि़त लेागों के लिए समुदाय के बीच घर जैसा माहौल देता है। इस होम में पहुंचने से इनमें हर तरह की स्वतंत्रता की भावना पैदा हेाती है। इन होम में व्यवस्था के लिए संचालन मार्गदर्शन के लिए प्रशिक्षित कार्यक्रम अधिकारी और साथ रहने वाले कर्मी इन आवासों के निवासियों के साथ मिलकर काम करते हैं। वे बतातें है कि डब्लूएचओ के मुताबिक कुल जनसंख्या में से 10 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी (एमआई) और 3 प्रतिशत गंभीर बीमारी से पीडि़त है। इसमें गुरुग्राम में लगभग 50,000 लोग गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है। इनमें 50 प्रतिशत ऐसे है जो पहचान ही नही किये गए।
संबंध हैल्थ फाउंडेशन, हरियाणा सरकार की सहायता से मानसिक रोगों के क्षेत्र और इनसे पीडि़त लोगों के लिए एक नए और अनुपम ‘स्वास्थ्य लाभ मॉडल’ पर काम कर रहा है और इसका परिणाम बहुत ही सकारात्मक और दिल को खुश कर देने वाला है। वर्तमान में गुरुग्राम और इसके आसपास के गांवों में गंभीर मानसिक रोगियों के उपचार के लिए रिकवरी हेाम भी चलाए जा रहे है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि संबंध की और से इस गु्रप होम होम में सभी तरह की सुविधाएं और सहायता उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने बताया कि इस होम में व्यक्तिगत समर्थन पर फोकस करने के साथ ही साथ वृहद्व स्तर के समुदाय के भीतर व्यक्ति के घरेलू और सामुदायिक जीवन के प्रति लक्ष्य तय करना है। इस तरह के माहौल निर्माण, साथियों का समर्थन और समस्याओं का समाधान करना प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि संबंध के लिए यह उत्सव का दिन है क्योंकि सपने को साकार करने लिए आज के ही दिन संगठन की स्थापना हुई थी और इसके बाद संगठन ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। इसके अलावा संगठन के पास महिलाओं और समाज के कमजोर वर्ग के लेागों के लिए ऐसे और आवास बनाने की योजना है। गुरुग्राम गांव की चौपाल में पूर्व में रिकवरी सेंटर खोला गया है।
गुरुग्राम की सीनियर मेडिकल आफिसर डा.नीता मेहता ने कहा कि मानसिक बीमारियों से मरीज के साथ साथ पूरा परिवार संकट की स्थिति में आ जाता है। सभी तरह की मानसिक बीमारियों में 3प्रतिशत आबादी में गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है।
ग्रुप होम में लोगों की देखभाल करने वाले कैप्टन रॉबी ने बताया कि इस तरह के समर्थन वाला निवास समाज के लिए बहुत ही आवश्यक है। यंहा पर सभी को परिवार के सदस्यों की तरह से माहौल सकारात्मक रुप से प्रदान होगा।
इस अवसर पर प्रोजेक्ट मैनेजर स्मिति गिल्होत्रा, प्रंाशु गुप्ता, राजू गमाल इत्यादि उपस्थित थे।