हाई-वोल्‍टेज ड्रामे के बाद अहमद पटेल विजयी हुए, अमित शाह और स्मृति ईरानी भी जीते

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भाजपा कानूनी लड़ाई लड़ने के मूड में 

अहमद पटेल ने कहा, कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में आगामी चुनाव जीतेगी

गांधीनगर : लगभग 10 घंटे के हाई-वोल्‍टेज ड्रामे के बाद कांग्रेस की प्रतिष्ठा का सवाल बने अहमद पटेल मंगलवार को आखिरकार पांचवीं बार राज्यसभा में प्रवेश मिल गया. . उन्हें 44 वोट मिले जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी विजयी घोषित हुईं. भाजपा के दोनों नेताओं को 46-46 वोट मिले. अमित शाह पहली बार राज्यसभा में होंगे . भाजपा की ओर से कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार बनाया गया था जिन्हें भारी कशमकश के बाद अहमद पटेल ने हाराया.

चुनाव परिणाम के बाद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि ‘सत्यमेव जयते’. पटेल ने अपनी इस जीत के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने अपनी इस जीत के लिए कांग्रेस के विधायकों और शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया.  पटेल ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में आगामी चुनाव जीतेगी.

 

उल्लेखनीय है कि गुजरात में राज्यसभा चुनाव के नतीजे देर रात भारी खींचतान के बाद घोषित तो हो गए, लेकिन यह राजनीतिक संघर्ष अब कानूनी लड़ाई में तब्दील हों तय है.. संकेत स्पष्ट है कि बीजेपी इस लड़ाई को कोर्ट ले जाने के मूड में है. पार्टी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है. उधर, अहमद पटेल ने दोहराया है कि उन्हें अब भी जीत का भरोसा था.

 

इस पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने विधायकों का वोट रद्द करने पर चुनाव आयोग के फैसले से असहमति जताते हुए दोनों रद्द हुए वोटों के लिए आगे कानूनी लड़ाई लड़ने की बात की है.

 

विजय रुपानी ने कहा है कि चुनाव आयोग के साथ सहम​ति नहीं है. आने वाले दिनों में हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और न्याय प्राप्त करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग बीजेपी को मिले दो वोंटो को रद्द नहीं करता तो पार्टी की जीत सुनिश्चित थी और  अहमद पटेल हार जाते.

 

पटेल ने कहा, मैं एक छोटा इंसान हूं, लीडरशिप का आशीर्वाद है. जो हराने में लगे थे उनके लिए संदेश है कि 2017  में ही गुजरात विधानसभा चुनाव होने हैं. इस चुनाव में भाजपा को हराना है. उन्हें सबक सिखाना है. मैं अपनी लीडरशिप को इस चुनाव में बीच में नहीं लाना चाहता था. ये प्रतिष्ठा का चुनाव नहीं था. जिस माहौल में चुनाव लड़ा गया हमारे लोग चट्टान की तरह खड़े रहे.

 

पटेल ने सीधा आरोप लगाया है कि  केंद्र और राज्य सरकार हराने में लगी थी. एजेंसियों का इस्तेमाल परेशान करने के लिए किया गया. पटेल ने वाघेला पर भी कटाक्ष किया कि बाघेला ने ये कैसी दोस्ती निभाई वो ही बताएं. मुझे अज़ीज़ दोस्त कहते है.

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