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: मेवात में आपसी भाईचारा की एक और मिसाल कायम
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात हिंदु-मुस्लिम भाईचारा के लिए सदियों से जाना जाता है। इसी भाईचारा को कायम रखते हुऐ बृहस्पतिवार को पुनहाना खंड के गांव सिंगार की सरपंच के पिता सहाब खां और भाई साकित खान की अगुवाई में हरीद्वारा से कावड लेकर आ रहे दर्जन भर कावडियों को रोकर कर उनको फल वितरित कराऐ। कावडियों ने भी कहा मेवात जैसा भाईचार और अमन शांति का इलाका दुनिया में कहीं नहीं हैं। रामस्वरूप कावडिया का कहना है कि वह पिछले 15 साल से हरिद्वार से कावड लेकर आ रहा है और हर बार उसका मेवात से राजस्थान के जुरहेडा जाना होता है। पिछले 15 सालों में उसने कभी नहीं देखा की मेवात के किसी बच्चे ने भी कावडियों के साथ कोई दुर्रव्हार किया हो। मेवात आपसी भाई-चारा की एक मिसाल है।
समाजसेवी और गांव सिंगार की सरपंच के पिता सहाब खां ने बताया कि मेवात के मुस्लिम धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बने हैं। मेवात समाज के अधिक्तर गोत्र सूर्य और चंद्रवंशी हैं। यहां पर हिंदु-मुसलमानों के रिति रिवाज, गोत्र-पाल आपस में मिलते हैं। मेवात में हिंदु-मुस्लिम समाज के लोग आपस में मिलकर एक दूसरे के त्योंहारों को मिलाते हैं। उन्होने कहा कि मेवात के हिंदु-मुस्लिम की गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखते हुऐ उन्होने और उनके साथियों ने आज कावडियों को फल वितरित करने का काम किया है। उनका मकसद है कि ऐसे आयोजनों से मेवात में आपसी भाईचारा का और मजबूती मिलती है।