सिंगापुर की तर्ज पर मानेसर में ग्लोबल स्किल पार्क बनाने का प्रस्ताव

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अधिकारियों की टीम सिंगापुर का दौरा करेंगी

केंद्र सरकार का मिलेगा सहयोग 

चण्डीगढ़, 26 जून :  हरियाणा के युवाओं को दक्ष एवं कौशल बनाने के मद्देनजर प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क (वैश्विक कौशल पार्क) बनाया जाएगा और यह पार्क सिंगापुर के मॉडल के अनुसार तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार ने गुरुग्राम जिला के मानेसर में इस ग्लोबल स्कील पार्क को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
 
यह जानकारी आज यहां हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री  राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता में कौशल विकास, हरियाणा के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में हरियाणा के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री  विपुल गोयल भी उपस्थित थे। 
 
बैठक में केन्द्रीय मंत्री  राजीव प्रताप रूडी ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के अधिकारियों से कहा कि वे ग्लोबल स्कील पार्क को स्थापित करने के लिए एक संयुक्त टीम का गठन भी करें और यह संयुक्त टीम सिंगापुर का दौरा भी करेंगी ताकि हरियाणा में यह पार्क स्थापित किया जा सकें। 
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि हरियाणा में फरीदाबाद, नूंह, हिसार, फतेहाबाद व भिवानी में सैक्टर स्कील केन्द्र भी स्थापित किए जाएंगें, जहां पर प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह केन्द्र आगामी चार से पांच माह में शुरू कर दिए जाएंगें। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र आधुनिक और एक माँडल के रुप में होंगें तथा केन्द्रीय मंत्रालय इनके संचालन में अपना भरपूर सहयोग करेगा। 
 
बैठक में  राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों में आधुनिक कौशल केन्द्रों को भी खोलने की संभावना है, जिसके लिए राज्य सरकार प्रस्ताव भेजें। इस पर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार केन्द्रीय मंत्रालय को भवन व जमीन उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है और इसके लिए प्रस्ताव आगामी एक सप्ताह के भीतर भेज दिया जाएगा। 
 
बैठक में चालक प्रशिक्षण संस्थान खोलने के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई, जिसके संबंध में केन्द्रीय मंत्री  राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि केन्द्र सरकार एक चालक प्रशिक्षण संस्थान के संबंध में एक कम्पोजिट योजना लाने जा रही है जिसमें आटोमोटिव से संबंधित हर प्रकार के चालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश के प्रत्येक राज्य में इस प्रकार के आधुनिक चालक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगें। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पहले से ही चालक प्रशिक्षण संस्थान खुले हुए हैं परंतु बेहतर व अच्छा प्रशिक्षण देने के लिए एक समूह का गठन करें ताकि अमुक संस्थान के प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवार को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मुहैया हो सकें। 
 
केन्द्रीय मंत्री ने बैठक में बताया कि पिछली सरकारों ने आईटीआई की तरफ ध्यान नहीं दिया जिसके कारण से देश के युवाओं का बेहतर कौशल विकास नहीं हो पाया, परंतु वर्तमान सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक अलग मंत्रालय का गठन किया है और जो आईटीआई का इको-सिस्टम कमजोर हो चुका था, उसका सुधारीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने  इस संबंध में 50 नई चीजों की शुरूआत की है, जिसके तहत अब आठवीं, दसबीं, 12वीं की तरह आईटीआई के प्रमाण पत्र के आधार पर आगे की शिक्षा लेने की योग्यता होगी। उन्होंने कहा कि शार्ट टर्म प्रशिक्षण को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के साथ संगत किया गया है और इसके लिए एक ही पाठयक्रम को निर्धारित किया गया है, जिसे राज्य सरकार द्वारा भी अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जल्द ही आईटीआई के संबंध में नए नियमों की शुरूआत करने जा रही है और भविष्य में आईटीआई केन्द्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय की तरह संस्था होगी। 
 
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय ने हरियाणा में कौशल विकास में 84 करोड़ रुपए की राशि वितरित की है, जिसे आवश्यकतानुसार और बढाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ राज्य सरकारों को फंड की निगरानी के लिए लिंक किया गया है ताकि फंड का सही उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 50 आईटीआई को एनसीवीटी से मान्यता प्राप्त हो चुकी है। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में बंद पड़े इंजिनियरिंग कालेजों व पोलीटैक्रिक कालेजों में भी कौशल विकास के पाठयक्रम चलाने की अपनी अनुमति दी है ताकि युवाओं को कौशल बनाकर उन्हें रोजगारपरक बनाया जा सकेें। उन्होंने  प्रदेश सरकार के अधिकारियों से कहा कि वे अप्रैनटीसशिप व स्टाइफंड के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त करें जो इसके कार्य के लिए नोडल अधिकारी होगा। 
 
बैठक में केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क द्वारा निर्धारित नियमों को भर्ती प्रक्रिया में अपनाएं ताकि भर्ती के दौरान सही व्यक्ति ही आवेदन कर सकें और उपयुक्त उम्मीदवार का ही चयन हो पाए।
 
बैठक में हरियाणा के अंदर उद्यमिता संस्थान, प्रदेश के प्रत्येक जिले में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र, भवन निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत कर्मियोंं, एनसीवीटी के तहत आठवीं, दसवीं, 12वीं और इससे ऊपर की कक्षाओं के लिए एकरूपता पर भी चर्चा हुई। इसी प्रकार, बैठक में डयूल प्रशिक्षण पर भी चर्चा की गई है और इस प्रकार के प्रशिक्षण को जल्द ही कौशल विकास विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किया जाएगा। 
 
बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के चार लाख युवा प्रत्येक वर्ष रोजगार के लिए तैयार होते हैं, जिनमें से दो लाख युवाओं को रोजगार अपने आप ही मिल जाता है और दो लाख युवाओं को रोजगार की आवश्यकता होती है। इसके लिए सरकार ने सक्षम योजना की शुरूआत की है जिसके तहत अब तक स्नातकोत्तर युवाओं को 15999 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 10668 आवेदन  मंजूर हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि सक्षम योजना के तहत 100 घंटे का रोजगार एक माह में दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह रोजगार उन युवाओं को दिया जाता है जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपए से कम है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को चरणों में शुरू किया जा रहा है। इस पर, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सक्षम योजना को केन्द्र के साथ लिंक किया जाए ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ऐसा पहला राज्य होगा जो 31 दिसंबर, 2017 तक ऐसे सभी स्नातकोत्तर एवं स्नातक युवाओं को 100 घ्ंाटे का रोजगार मुहैया करवाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के पलवल में खोली जा रहा कौशल विकास विश्वविद्यालय देश में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है। इसके अलावा, सरकार ने 300 नए पाठयक्रमों को विभिन्न स्थानों पर शुरू किया है और एक लाख 33 हजार युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
 
बैठक में हरियाणा के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री विपुल गोयल ने केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री से राज्य में उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर के उपयोग का आग्रह भी किया ताकि राज्य के युवाओं को कौशल एवं दक्ष बनाकर रोजगारपरक बनाया जा सके।
बैठक में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस वर्ष से आईटीआई में भूमि जांच व फसल जांच के नाम से एक नया पाठयक्रम शुरू किया है, जिसे हरियाणा की राजकीय आईटीआई में भी शुरू किया जाए। 
बैठक में एचवीएसयू के कुलपति के  राज नेहरू ने भी कौशल विकास व पलवल में स्थापित किया जा रहा कौशल विकास विश्वविद्यालय के कार्यकलापों पर प्रकाश डाला और अपने सुझाव केन्द्रीय मंत्री के सम्मुख रखे।
 
 बैठक में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव श्री टी सी गुप्ता ने कौशल विकास के संबंध में हरियाणा में किए जा रहे कार्यों की रुपरेखा रखी और केन्द्रीय मंत्रालय के अधिकारियों व मंत्री के सम्मुख विभिन्न मांगें रखी, जिनमें कौशल केन्द्रों की स्थापना, ग्लोबल कौशल पार्क, राष्ट्रीय स्तर के कौशल विकास के संस्थान, स्कील गैप सर्वे करवाना, मॉडल कौशल केन्द्रों की स्थापना, वर्तमान में स्थापित आईटीआई का इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करने बारे, उद्यमियों के पंजीकरण, अप्रैंनटीसशिप व आईटीआई को एनसीवीटी से मान्यता दिलवाना और एससीवीटी पाठयक्रमों को एनसीवीटी में बदलना इत्यादि शामिल है। 
 
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजेश खुल्लर, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री के निजी सचिव  कुंदन कुमार, हरियाणा कौशल विकास एवं औद्योगिक विकास विभाग के निदेशक  पंकज, हरियाणा राज्य कौशल विकास मिशन के एमडी  के के कटारिया, एनएसडीसी के सीईओ मनीष कुमार सहित कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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