भारत में दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने की क्षमता : डा. हर्षवर्धन

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अरावली पर्वत श्रृंखला को  राष्ट्रीय रमणीय स्थल बनाने में केंद्र करेगा सहयोग

 पर्यावरण रक्षकों को पर्यावरण दिवस पर मिलेगा सम्मान 

भारत में दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने की क्षमता : डा. हर्षवर्धन 2गुरुग्राम, 17 जून। केंद्रीय पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन ने आज कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले व्यक्ति अपने काम के विवरण के साथ अपनी फोटो पर्यावरण मंत्रालय की वैबसाइट पर अपलोड करें, उनके काम व फोटो को देशभर में प्रसारित किया जाएगा और अगले वर्ष पर्यावरण दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। इस प्रकार देश में पर्यावरण रक्षकों की एक बड़ी फौज तैयार की जाएगी। 
 
डा. हर्षवर्धन आज गुरुग्राम जिला के गांव भौंडसी के निकट अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी में  विश्व मरूस्थलीकरण रोकथाम दिवस के अवसर पर स्वर्ण जयंती नेचर कैंप का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, लोक निर्माण तथा वन मंत्री राव नरबीर सिंह भी थे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन तथा मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने इस नेचर कैंप में प्रकृति जागरूकता अभियान का शुभारंभ भी किया। इस नेचर कैंप में प्रदूषण ना फैले, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। नेचर कैंप क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए प्रयोग की जाने वाली ई-रिक्शा और विद्यार्थियों की साईकिल रैली को भी डा. हर्षवर्धन तथा  मनोहर लाल ने झंडी दिखाकर रवाना किया। स्वयं भी नेचर कैंप क्षेत्र में साइकिल पर घूमे। इसके बाद उन्होंने नेशनल मैडिसिनल प्लांट बोर्ड के सहयोग से बनाए जाने वाले हर्बल गार्डन तथा कंजरवेशन प्रौजेक्ट के अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति वन परियोजना को लांच किया और वहां पौधारोपण किया। उन्होंने इस मौके  पर समारोह स्थल पर अरावली पर्वत श्रृंखला के बारे में लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा। दोनो नेताओं ने नेचर कैंप परिसर में महिला स्वयंसेवी समूह द्वारा संचालित भ्भोजनालय में जाकर अल्पाहार लिया।
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अपने संबोधन में डा. हर्षवर्धन ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला हरियाणा ही नहीं बल्कि सारे देश के लिए रमणीय स्थल है। इस स्थल को देश का सुंदर स्थल बनाने के लिए सभी को काम करना चाहिए। इस दिशा में हरियाणा सरकार जो भी योजना बनाकर भेजेगी, उसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मंजूर कर दिया जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग का जिक्र करते हुए डा. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे दुनिया को बचाने की क्षमता भारत में है क्योंकि यह कोई पालिसी बनाने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारे डीएनए के अंदर है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखना तथा पानी बचाने के संस्कार हमें अपने पूर्वजों से मिले है जैसें कि नदियों को हम माता कहकर पुकारते हैं, सूर्य को देवता और आसमान को पिता का दर्ज देते है। हम मानते  है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। हमारी इसी पूर्वजों की शिक्षा के बारे में बड़े आयोजन करके नई पीढिय़ों को बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा आज विश्व मरूस्थलीकरण रोकथाम दिवस के अवसर पर जयपुर में कार्यक्रम रखा हुआ था लेकिन उन्होंने अरावली पर्वतों की गोद में आयोजित कार्यक्रम में आना उचित समझा और मंत्रालय के अधिकारियों को जयपुर भेजा।
 
उन्होंने  कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विज्ञान, तकनीक तथा अन्य उपायों का प्रयोग किया जा रहा है। हमारे वैज्ञानिकों ने 4 वर्ग मीटर में सोलर ट्री तैयार किया है जो 4 किलोवाट बिजली पैदा करेगा। इसी प्रकार, दूर दराज के क्षेत्रों के लिए सोलर एटीएम बनाए गए हैं। डा. हर्षवर्धन ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता लाने के लिए देश को 35 हिस्सों में बांटा गया है और प्रत्येक हिस्सें में पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ट अधिकारियों के साथ वे स्वयं भी जाएंगे। 
 
उन्होंने हरियाणावासियों से भी अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण को बड़ी चुनौती के रूप में लें। जो पर्यावरण में बिगाड़ हुआ है उसे जल्द से जल्द हमें ठीक करना है। साथ ही उन्होंने यह आह्वान भी किया कि पानी को बर्बाद ना करें, एक घूंट पानी की आवश्यकता हो तो पूरी बोतल ना खोलें। उन्होंने कहा कि हमें एक घूंट पानी पीना होता है लेकिन हम गिलास भर लेते है और एक घूंट भर कर बाकी पानी गिरा देते है। इसी प्रकार एसी का जितना कम से कम इस्तेमाल करेंगे, उससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा और पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचेगा। ऐसे छोटे-छोटे योगदान सभी दें तो पर्यावरण को बचाया जा सकता है, जिससे प्रधानमंत्री के सपने साकार होंगे और बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंूज आज दुनिया भर में है, उनके दृष्टिकोण तथा विजन को जानने के लिए सभी उत्सुक हैं। सन 2015 में पेरिस में बैठक हुई जिसमें दुनिया के 20 से ज्यादा देशों ने भाग लिया और वहंी पर ‘मिशन इनोवेशन ’ में श्री  मोदी ने सौर ऊर्जा के प्रयोग की तरफ सभी का ध्यान आकृष्ट किया। परिणामस्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय सौलर अलायंस बनाया गया जिसका नेतृत्व करने का दायित्व भारत को दिया गया और पिछले वर्ष फ्रांस के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी के साथ गुरुग्राम जिला की धरती पर इसका अस्थाई मुख्यालय शुरू करवाया। इसके लिए फ्रांस ने 25 मिलियन डालर की राशि दी है। 
 
डा. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ना केवल देशवासियों को स्वच्छता का संदेश दिया है बल्कि उस दिशा में काम भी किया है। इस अभियान के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्र में 4 करोड़ शौचालय बनाएं गए है, शहरी क्षेत्रों में 35 लाख और निजी संस्थाओं से 2 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाएं गए है।
 
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने डा. हर्षवर्धन का स्वागत करते हुए कहा कि यह क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को बहुत प्रिय था और वे यहां विश्राम करने आते थे, इसलिए इस क्षेत्र का नामकरण ‘चंद्र शेखर स्मृति वन’ रखा जाता है ताकि यहां के लोगों के साथ उनका जो सानिध्य और प्रेम था, वह बना रहे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रेगुलेटिड और सीमित विकास करके वन -टूरिजम को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखला दिल्ली से लेकर गुजरात के भुज तक 675 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है और अरावली क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई  है। उन्होंने मांगरबनी का हवाई सर्वेक्षण किया और यह कानून बनाया कि मांगरबनी वन क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमने मांगरबनी वन क्षेत्र को नष्ट होने से बचाया है। 
मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों का आहवान किया कि गांव की आबादी के बराबर पेड़ लगाएं और 2 करोड़ पेड़ लगाकर हरियाली बढ़ाएं। उन्होंने ‘हर गांव पेड़ की छांव’ और ‘घर- घर हरियाली’ योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने घर में तो पेड़ लगाना ही चाहिए, गांव की सामलात जमीन पर भी गंाव का हर व्यक्ति पेड़ लगाए। उन्होंने इन दोनों योजनाओं को जिला परिषद् के साथ जोडऩे की घोषणा की और कहा कि इसके लिए जिला परिषद् को बजट भी दिया जाएगा। जिला परिषद् अपनी देखरेख में पौधे लगवाएगी और उनका पालन पोषण मनोहर लाल ने गंाव भौंडसी में शहरों की तर्ज पर महाग्राम योजना के तहत सीवरेज व्यवस्था करने, 7 एकड़ भूमि पर खेल स्टेडियम का निर्माण करवाने और गांव की पेयजल व्यवस्था के लिए बूस्टिंग स्टेशन बनाने की घोषणा की। सीवरेज व्यवस्था तथा खेल स्टेडियम के लिए धनराशि पंचायत स्वंय खर्च करेगी।
 
शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने गांव भौंडसी के कन्या विद्यालय को अपग्रेड करके वरिष्ठ माध्यमिक बनाने की घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन ने अरावली में वन्य प्राणियों की प्रजातियों पर आधारित अध्ययन रिपोर्ट का विमोचन किया।
 
प्रदेश के वन मंत्री राव नरबीरसिंह ने केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली तथा सबसे नवीनतम पर्वतमाला शिवालिक हरियाणा में है। उन्होंने वन क्षेत्र बढ़ाने पर बल दिया और कहा कि उन्हें अपने पिता स्वर्गीय राव महाबीर ङ्क्षसह व गांव के पूर्व सरपंच कंवर ओमपाल सिंह के साथ यहां आने का मौका मिला था, उस समय यह एक छोटा सा स्थान था जहां पर एक तपस्वी तप कर रहे थे। उस समय उस तपस्वी ने कहा था कि यह तपोभूमि है और कई प्रसिद्ध हस्तियां यहां आएंगी। वह बात सच हुई और यहंा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर आए, जिनकी वजह से यह क्षेत्र भुवनेश्वरी भौंडसी के नाम से दुनिया भर में विख्यात हुआ। उन्होंने डा.हर्षवर्धन से आग्रह किया कि यह एक रमणीय क्षेत्र है और यहां इतने काम हो कि दुनिया के लोग यहां भुवनेश्वरी भौंडसी आने को ललायित हो। सोहना के विधायक तेजपाल तंवर ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनिल कुमार गुलाटी, पर्यावरण एवं हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव के अपर मुख्य सचिव डा. के के खंडेलवाल, भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के सचिव ए एन झा, वन मंत्रालय के महानिदेशक एवं विशेष सचिव सिद्धंाता दास, हरियाणा वन विकास निगम की प्रबंधन निदेशक डा. अमरिंद्र कोर भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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