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गरीब लोगों को करीब 600 रूपये खर्च कर प्राईवेट अस्पतालों में कराना पड रहा है अल्ट्रासाउंड
यूनुस अलवी
मेवात:अल्ट्रासाउंड मशीन चलाने वाले डाक्टर का तबादला गुडगांव किये जाने से मेवात की सिविल अस्पताल अल-आफिया मांडीखेड़ा में बुधवार को दो अल्ट्रासाउंड मशीनों को सील कर लोगों को इसकी सुविधाऐ देने से वंचित कर दिया गया। सरकार के इस फैंसले से मेवात के करीब तीन हजार से अधिक गरीब लोगों को अब प्राईवेट अस्पतालो में हजारों रूपये खर्च करने होगें। बृहस्पतिवार को अल्ट्रासाउंड कराने वालों को अलआफिया अस्पताल में लाईन लगी रही। जब लोगों को पता चला की यहां डाक्टर ही नहीं है तो उनको मजबूर होकर या तो अपने घर जाना पडा या फिर मुफ्त में होने वाले अल्ट्रासांउड को प्राईवेट अस्पतालों में पांच सौ से अधिक रूपये देकर कराना पडा। सरकार की इस तबादला निति से लोगों में भारी रोष है।
जिला सिविल अस्पताल अल-आफिया में सरकार की ओर से पिछले आठ सालों से मेवात के लोगों को मुफ्त में अल्ट्रासाउंड जांच की सेवा दी जा रही थी। यह जांच सबसे ज्यादा पेट की बीमारियों के लिए प्रयोग में लाई जाती है। इसके अलावा महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चें के स्वास्थ्य का पता लगाने में बहुउपयोगी मानी जाती है। जिले में डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिलाओं की जान बचाने के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन की जांच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अल्ट्रासाउंड से बच्चे की स्थिति का पता लग जाता है।
अल-आफिया अस्पताल में दो अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हुई है। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से डाक्टर शमीम को अल्ट्रासाडंड मशीन के आप्रेट करने की जिम्मेदारी दी हुई थी। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन दिन पहले डाक्टर शमीम का तबादला मेवात से गुड़गांवा पोलोक्लीनिक में कर दिया गया है। शमीम के तबादले के बाद जिले में अल्ट्रासाउंड मशीन ऑप्रेट करने वाला एक भी डाक्टर नहीं है। इस वजह से जिला स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनो मशीनों को सील कर दिया है। जिसकी वजह से मेवात के लोगों को सरकारी अस्पताल मांडीखेड़ा में मिलने वाली अल्ट्रासाउंड की जांच का लाभ अब बंद हो चुका है। सरकार के नियम अनुसार बिना सर्जन के अल्ट्रसाउंड मशीन को खुला छोड़ना नुकसान दायक है। बुधवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिविल अस्पताल में रखी दोनों अल्ट्रसाउंड मशीनों को साील कर दिया गया है।
फिरोजपुर झिरका से आये रूपचंद, जलालपुर से सलाउद्दीन, फिरोजपुर मेव की जैतूनी बेगम, राजाका की फरीदा, जलालपुर के नसरूदीन ने बताया कि आज उनको अपना अल्ट्रासाउंड कराना था। वे सुबेह की अल्ट्रासाउंड कमरे के बाहर ही लाईन लगाकर खडे हो गये। उनके साथ-साथ करीब 20 लोग भी खडे थी जब 11 बजे तक भी कोई डाक्टर नहीं आया तो उन्होने इसके बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने बताया कि कमरे में सील लगी हुई है। डाक्टर का तबादला हो गया है। उनका कहना है कि वे गरीब आदमी हैं, प्राईवेट अस्पताल वाले 600-700 रूपये लेते हैं यहा मुफ्त में हो जाता है। वहीं शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज के बारे में उनका कहना है कि वे तो अल्ट्रासाउंड करने की बजाऐ तीन-तीन महिने की तारीख देकर लोगों को परेशान कर देते हैं। उन्होने सरकार से मांग की है कि यहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन को ऑपरेट करने वाला डाक्टर तुरंत भेजा जाऐ। जिससे गरीब लोगों को लुटने से बचाया जा सके।
जिला सिविल सर्जन डा एसआर सिवाच ने बताया कि सरकार की ओर से अल्ट्रासाउंड सर्जन शमीम का तबादला गुड़गांवा करने के बाद मेवात में नया सर्जन नहीं भेजा गया है। इसलिए विभाग के नियम अनुसार दोनों अल्ट्रसाउंड मशीनों को सील किया गया है। उनहोने बताया कि महिने में करीब 2 हजार अल्ट्रासउंड हो जाते थे जिससे लोगों के लाखों रूपये की बचत हो जाती थी।