शगुन व सुकन्या समृद्धि योजना महिलाओं के लिए वरदान: शीतल बागड़ी

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गुडग़ांव, 14 जून: पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी अल्पकालीन विस्तार योजना के तहत भाजपा द्वारा चलाए जा रहे महासंपर्क अभियान के दौरान समाजसेविका शीतल बागड़ी ने लोगों के घर जाकर उन्हें भाजपा की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रति जागरुक किया।
शीतल बागड़ी ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा और उनके स्वावलंबन की दिशा में जो काम किया है वह अब तक किसी सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया गया है उससे पूरे देश भर में लिंगानुपात में सुधार आया है। केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई सुकन्या समृद्धि योजना और शगुन योजना बालिकाओं व महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहीं हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अब तक एक करोड़ से अधिक बैंक खातों में करीब 11 हजार करोड़ से अधिक रुपए जमा हुए हैं। इसके अलावा गर्ववती महिलाओं को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश, 6000 रुपए की मातृत्व सहायता और महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच आदि की जो सुविधाएं प्रदान की जा रही है, वह सराहनीय कदम है। उधर केन्द्र सरकार ने धुआंयुक्त रसोई से महिलाओं को मुक्ति दिलाकर धुआंमुक्त रसोई का सपना सकार किया।

इस योजना के तहत 3 लाख 18 हजार 54 गरीब परिवारों को घरेलू गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। शीतल बागड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने महिलाओं के विकास और उन्नति के लिए हरियाणा कन्या कोष स्थापित करने का काम किया। अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अन्तर्जातीय विवाह शगुन योजना के तहत हरियाणा राज्य के स्थाई निवासी, अनुसूचित जाति के लडक़े या लडक़ी से विवाह करने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख एक हजार रुपए की गई।

सरकार द्वारा लागू की इस योजना से समाजिक समरसता स्थापित होगी। उधर बीपीएल परिवारों की विधवाओं को उनकी बेटियों की शादी पर 51 हजार और अन्य अनुसूचित जाति की बेटियों की शादी के लिए 41 हजार रुपए का सहयोग प्रदान करना भी सरकार का महत्पवूर्ण फैसला है। सरकार ने आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के तहत तीसरी बेटी के जन्म पर 21000 रुपए प्रदान करने का निर्णय लेकर बेटियों के प्रति लोगों को उत्साहित करने का काम किया है। इन तमाम योजनाओं ने देश में महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त हो रही हैं।

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