मेवात के गांव धांधूका को अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा गोद लिये जाने की जबरदस्त चर्चा, लोगों में खुशी की लहर

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: सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बीरेंद्र पाठक ने सोमवार को अमरीका में की घोषणा

: सुलभ इंटरनेशनल पहले ही गांव धांधूका में शौचालय बना रही है

:  गांव का कायाकल्प होने की जगी उम्मीद

यूनुस अलवी

 
मेवात के गांव धांधूका को अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा गोद लिये जाने की जबरदस्त चर्चा, लोगों में खुशी की लहर 2मेवात: मेवात जिला के गांव धांधूका में खुशी की लहर है। कारण साफ है, अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस गांव को गोद लेने की घोषणा की है। वैसे ट्रम्प की इस घोषणा से मेवात जिला प्रशासन अभी तक अंजान हैै। ट्रंप ने गांव धांधूका को गोद लेने की घोषणा सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बीरेंद्र पाठक के आग्रह पर की है। बीरेंद्र पाठक ने दो दिन पहले ही अमरीका में धांधूका गांव का नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर करने का प्रताव रखा है। अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा धांधूका गांव को गोद लिये जाने और उनके गांव का नाम डोनाल्ड ट्रम्प के नाम पर बदले जाने को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। राष्ट्रपति अमरीका के गोद लिये जाने से अब इस गांव में बिजली, पानी, शिक्षा, चिक्तिसा, रास्ते गलियों की समस्याओं के समाधान होने की आस जगी है।
 
  सुलभ इंटरनेशनल द्वारा नूंह खंड के गांव धांधूका में पहले ही खुले में शौच मुक्त बनाने के लिये सभी घरों में करीब 158 टॉयलेटों की व्यवस्था कर चुका है। मेवात जैसे पिछड़े इलाकों में धांधूका एक मॉडल गांव स्थापित होगा। इस गांव को अब विकास के पहिये लगने की संभावनाऐं जगी हैं। अभी तक यह गांव अपनी बदहाली पर आंसू बहाता आ रहा है। यहा के लोगों को ना तो प्रयाप्त बिजली है और ना ही पीने का पानी।
   दरअसल सोमवार को वाशिंगटन में हुए एक कार्यक्रम में सुलभ इंटरनेशनल के फाउंडर बीरेंद्र पाठक ने यह घोषणा करते हुए कहा कि इस कदम से भारत और अमेरिका के संबंध और घनिष्ट होंगे। इसी कार्यक्रम में उन्होने अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम पर धांधूका गांव का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। 
 

 

गांव धानुका में नहीं हैं मूलभूत सुवधाएँ 

 
  नूंह जिला मुख्यालय ये मात्र 6 किलोमीटर दूर गांव धांधूका जिसकी आबादी करीब 1700 है। गांव टेडकरपुर और गांव धांंधूका दो गांवों को मिलाकर ग्रांम पंचायत धांधुका का दर्जा दिय गया है। गांव धांधूका में करीब 35 एकड पंचायत की जमीन है। जिसे पटटे पर छोडकर ही पंचायत की आमदनी होती है। गांव में एक मिडिल स्कूल है जिसमे 600 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। उनको पढ़ाने के लिए मात्र दो ही अध्यापक लगाये हुए है।
  गांव में बिजली और पानी की बहुत बड़ी समस्या है बिजली की लाइन मालब गाव से आती है जो लगभग 20 किलोमीटर दूर पड़ता है। जो करीब 20 साल पुरानी हैं और जर्जर हो चुकी हैं।  गाव में पानी खारा है, जिसकी वजह से लोगों को वाटर सप्लाई पर ही निर्भर रहना पडता है। गांव के लिए सुडाका डिस्टीब्यूटर से पानी आता है जिसकी अक्सर पाईन लाइन टूट जाती है। गांव की सभी गलियां कच्ची हैं।
 

क्या कहते हैं ग्रामीण ? 

 
 गांव धानुका निवासी अलताफ, ओम प्रकाश,  इसराईल, लियाकत, विजय, वहीद, असलम ने बताया कि जब से उनको पता चला है कि उनके गांव को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोद लिया है। उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं हैं। उनका कहना है कि आजादी के 70 साल बाद भी उनके गांव को मूलभूत सुविधाऐं भी नहीं मिल सकी है। अब उनको उम्मीद है कि उनका गांव में विकास की ब्यार बहेगी। वहीं उन्होने बीरेद्र पाठक द्वारा उनके गांव के नाम को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रखने का जो प्रस्ताव किया है। उसका वे समर्थन करते हैं। उनहोने बताया कि सुलभ इंटरनेश्रल संस्था कई महिनों से उनके गांव में घर-घर शौचालय बनाने का काम कर रही है। अब तक गांव में 158 से अधिक सुलभ शौचालय बनाए जा चुके हैं।

 

क्या कहते हैं अधिकारी ? 

 
 मेवात के अतिरक्त उपायुक्त नरेश नारवाल का कहना है कि उनके पास अभी तक लिखित में कोई ऐसे आदेश नहीं आऐ हैं। वहीं उनको अभी तक यह भी जानकारी नहीं हैं कि गांव धांधूका में सुलभ इंटरनेशनल कई महिनों से शौचालय बना रही है।

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