गुडगाँव पुलिस आयुक्त को भी नोटिस
आयोग ने चार सप्ताह के अन्दर जवाब माँगा
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानेसर के औद्योगिक इलाके में 23 वर्षीय महिला के कथित सामूहिक बलात्कार मामले में सज्ञान लेते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और गुड़गांव पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है. आयोग ने मंगलवार को कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस रात को सड़कों पर गश्त नहीं कर रही है. बताया जाता है कि महिला से 29 मई को गुड़गांव से कुछ ही दूरी पर मानेसर में तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया. इससे पूर्व आरोपियों ने उक्त महिला की नौ माह की बच्ची की जमीन पर पटक पटक कर हत्या कर दी थी.
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी एस संधू से आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानाकरी मांगी है. आयोग ने डीजीपी और गुड़गांव पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार को चार सप्ताह के अन्दर जवाब माँगा है. हालाँकि उक्त घटना में किसी भी सरकारी कर्मी या पुलिस कर्मी की की सीधे तौर पर संलिप्तता अभी तक स्पष्ट नहीं है. आयोग ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि मीडिया में आ रही खबरों से नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के मन में डर, असुरक्षा और अनिश्चितता की स्थितिं पैदा हो रही है.
आयोग ने कहा है सरकारी एजेंसियों द्वारा कुछ विशेष कदम तुरंत उठाए जाने की जररत है. इस तरह की घटनाएं फिर से ना हो इसके उपाय करने की जरूरत है. मीडिया की ख़बरों के अनुसार एनएचआरसी ने दिल्ली और फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त व नोएडा तथा गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से भी इस सम्बन्ध में सुझाव मांगे हैं. आयोग ने इसके लिए सभी शहरों के पुलिस प्रमुखों से संयुक्त कार्रवाई करने की संभावना पर सुझाव मांगा है.
उधर गुड़गांव पुलिस ने दावा किया है कि तीनों आरोपियों ने लिफ्ट देने के बहाने महिला को गाड़ी में बैठाया और फिर उससे बलात्कार किया. एनएचआरसी ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ‘महिला अपनी घायल बेटी के साथ सड़क पर चलती रही और एक फैक्टरी पहुंची, जहां एक गार्ड ने उसे सुबह होने तक इंतजार करने के लिए कहा. जब एक चिकित्सक ने बच्ची की जांच की तो उसने उसे मृत घोषित कर दिया.
आयोग ने कहा कि महिला ने दिल्ली में तुगलकाबाद में अपने माता-पिता के घर जाने के लिए मेट्रो ट्रेन में अपनी बच्ची के शव के साथ यात्रा की. वहां भी एक चिकित्सक ने बच्ची की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में महिला शिकायत दर्ज कराने के लिए दोबारा गुड़गांव गई. गौरतलब है कि दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों में पिछले एक माह में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों पर यौन हमले के कम से कम 10 मामले सामने आए हैं.