चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी ने की छुट्टियों में कटौती

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15 स्थायी छुट्टियाँ कम की 

चंडीगढ़, 7 मई :  चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी की कार्यकारिणी परिषद की 11वीं बैठक में सरकारी सरकारी छुट्टियों व जयंती को लेकर बनी सहमति से पहले शैक्षणिक सत्र में ही छुट्टियां कम करने का निर्णय लिया है, जिससे विश्वविद्यालय में 15 स्थाई छुट्टियों को कम कर दिया गया। विश्वविद्यालय द्वारा सरकारी छुट्टियों व जयंती को लेकर यह एक अनूठा प्रयास किया गया है। 

इस निर्णय से जहां एक तरफ तो छुट्टियों के कारण विद्यार्थियों को हो रहे पढ़ाई के नुकसान की भरपाई होगी, वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों को महापुरुषों की जिंदगी से जुड़ी सभी मान्यताओं और धारणाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी ताकि विद्यार्थी अपने जीवन में भी उन सभी महापुरुषों की जीवन गाथाओं और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतार सके और खुद को एक संपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में उभार सकें । 

देश के सभी विश्वविद्यालयों में यूजीसी के द्वारा लागू किए गए एक सेमेस्टर में 90 दिनों को पढ़ाई के लिए पूर्णतया शामिल करने का नियम है, जिसे चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय बखूबी निभा रहा है।

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी के कुलपति  प्रोफेसर एस के गक्खड़ के अनुसार विद्यार्थियों के हितो को ध्यान में रखकर महापुरुषों की जयंती को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा । जिसमें विद्यार्थी महापुरुषों की जीवन गाथा व शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कर पाएंगे। 

 यूजीसी के नियमानुसार विश्वविद्यालय में लगने वाले एक सत्र में 180 दिनों के नियमों को पूरा करने के लिए चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय का यह अनूठा प्रयोग काबिले तारीफ है।  

एक तरफ जहा सभी विश्वविद्यालयों में रविवार व शनिवार को छोडक़र 27 सरकारी अवकाश घोषित किए गए हैं वही दूसरी तरफ चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय में रविवार को छोड़ कर केवल 16 छुट्टियां ही घोषित की गई है इसके अलावा  गैर शिक्षक कर्मचारियों को जहां पहले शनिवार  की छुट्टी घोषित की गई थी  वहीं  विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य लगातार सुचारु रुप से शनिवार के दिन भी चलता रहता है। विश्वविद्यालय द्वारा महापुरुषों के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर होने वाली तकरीबन सभी छुट्टियों को खत्म कर दिया है ।  

रविवार को आने वाली सभी महापुरुषों की जयंती व महोत्सव को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व हुई आयोजित कर लिया जाता है ताकि उनके जीवन से जुड़ी सभी उपलब्धियों से विद्यार्थी अवगत हो पाएं। 

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