बहन को तलाक देने का बदला मुश्लिम महिला ने अपने पति को तलाक देकर लिया !

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अगर मर्द  तलाक दे सकता है तो औरत क्यों नहीं ? 

मेरठः  उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में तलाक का बदला दुसरे तलाक से लेने का मामला सामने आया है.   मिडिया में आई खाबरों के अनुसार एक ही परिवार की दो बहनों में एक बहन ने अपने ससुराल वालों के उत्पीड़न और अपनी छोटी बहन को उसके शौहर (देवर) द्वारा तलाक देने का बदला अपने पति को तीन बार तलाक कहकर दिया. खबर में कहा गया है कि  पत्नी ने ऐसा करते हुए कहा कि अगर मर्द  तलाक दे सकता है तो औरत क्यों नहीं ?

खबर में  पुलिस के हवाले बताया गया है कि जिले के थाना खरखौदा क्षेत्र के गांव नरहेड़ा निवासी निजामुद्दीन की दो पुत्रियों आमरीन और फरहीन का निकाह 28 मार्च 2012 में भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव लडपुरा निवासी साबिर और शाकिर दो सगे भाइयों से हुआ था. शादी के कुछ अर्से बाद ही दोनों बहनों को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा.  गत 28 सितम्बर को फरहीन को उसके शौहर शाकिर ने तलाक दे दिया.  इसके बाद आमरीन का शारारिक व मानसिक उत्पीड़न बढ़ गया तो आमरीन ने 9 मार्च को भावनपुर थाने में पति, देवर समेत छह लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था.

आमरीन ने पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के बाहर मीडिया के सामने अपने पति को तलाक-तलाक-तलाक कह दिया. पति को तलाक दिए जाने की बावत आमरीन का कहना है कि हम दोनों बहनों से ससुराल वालों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई तो देवर ने उसकी बहन को तलाक दे दिया था, जिसका बदला उसने अपने शौहर को तलाक देकर लिया है. जब पति तलाक दे सकता है तो फिर पत्नी क्यों नहीं दे सकती. आमरीन का कहना है कि पति को तीन तलाक के अपने निर्णय पर वह अडिग है. आमरीन ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार तीन तलाक के मामले में महिलाओं के हक में काम कर रही है. इसलिए सभी महिलाओं को मोदी सरकार के साथ डटकर रहना चाहिए.
दूसरी तरफ नायब शहर काजी जैनुर राशिदुद्दीन ने दावा किया है कि इस्लाम में औरत को तलाक का हक नहीं दिया गया है. औरत को शरीयत पंचायत में जाकर अर्जी देनी होगी उसके बाद शरीयत पंचायत दोनों के मामले में पहले सुलह का प्रयास करेगी. सुलह नहीं होने पर शरीयत पंचायत औरत को शौहर से आजादी दिला सकती है.

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