राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की सभा में वक्ताओं ने की सरकार से मांग
मुस्लिम भी मानते हैं बढ़ती जनसंख्या को बड़ा खतरा
जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा धारा-370 पर बहस की जरूरत
केंद्र व राज्य सरकारों को भेजे जाएंगे पारित प्रस्ताव
गुरुग्राम। राष्ट्रीय सुरक्षा व स्थानीय आबादी की सुरक्षा के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने अवैध अप्रवासियों की पहचान करके उन्हें निर्वासित करने तथा अप्रवासियों को जारी किए गए पहचान पत्रों के सत्यापन की मांग उठाई है।
यह मांग राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की दो दिवसीय सभा के दौरान उठाई गई। सम्मेलन में मौजूद विषय विशेषज्ञों ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 से 2035 के बीच ईसाइयों की तुलना में मुस्लमानों के अधिक बच्चे पैदा होंगे। वर्ष 2010 से 2015 के बीच की अवधि में विश्व में 31 प्रतिशत मुस्लिम बच्चों ने जन्म लिया और वर्ष 2015 में सभी उम्र के लोगों में मुस्लमानों की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से अधिक हो गई और 2035 तक ईसाइयों के मुकाबले मुस्लमानों के बच्चे अधिक होंगे। अब यह समुदाय भी मानने लगे हैं कि लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण अनपढ़ता, बेरोजगारी व अपराधिक गतिविधियों जैसी कई तरह की समस्याएं जन्म ले रही हैं।
दो दिन तक आयोजित किए गए विभिन्न सत्रों के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय संरक्षक एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सदस्य इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एयर मार्शल आर.सी. वाजपेयी, राष्ट्रीय महासचिव जसबीर सिंह, प्रवेश खन्ना, सरला सिंह, रेशमा सिंह, गोलोक बिहारी, हरियाणा चैप्टर के अध्यक्ष राजपाल सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ.वीरेंद्र सिवाच, समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों ने छह प्रस्ताव पारित किए।
मंच में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप की भी कड़े शब्दों में निंदा की गई। जिसके चलते मंच ने चीन के खिलाफ अभियान चलाने, राजनयिक स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता की हिमायत करते हुए राष्ट्र की संप्रभुता को बचाने का संकल्प लिया गया।
सम्मेलन में इजरायल के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा इजरायल से मेक इन इंडिया अभियान में सहयोग की मांग की गई।
सम्मेलन के दौरान इंद्रेश ने अपने भाषण में कहा कि धारा-370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा है। इस धारा ने जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और पर्यटन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। अब समय आ गया है जब इस पर एक सार्थक बहस करके ठोस निर्णय लिया जाए।
पाकिस्तान द्वारा अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा दिए जाने का विरोध करते हुए मंच ने फैसला किया है कि सभी जगहों पर सडक़ों, शैक्षणिक संस्थानों, नौकरी के अवसर और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वहां की सरकार को इस बात के लिए बाध्य किया जाएगा की अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा देनी बंद की जाए।
इसके अलावा देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास के लिए नौसन्य क्षमता के आधुनिकीकरण एवं मजबूती, चीन के साथ व्यापार असंतुलन को दुरुस्त करने तथा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नस्लीय हमलों को बढ़ावा देने वालों को कड़ी सजा देने तथा इस तरह की घटनाओं से प्रभावित देशों के खिलाफ सख्त रूख अपनाने की मांग की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए मंच के महासचिव गोलोक बिहार एवं मीडिया प्रभारी डॉ.वीरेंद्र सिवाच ने बताया कि सम्मेलन के दौरान पारित किए गए प्रस्तावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार के सभी संबंधित विभागों तथा संबंधित राज्य सरकारों के पास भेजा जाएगा। इस अवसर पर मंच के वरिष्ठ सदस्य विनोद सोनी, दीपा अंतिल, जूही अग्रवाल के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
अब साल में तीन दिन मनाए जाएंगे एक्शन दिवस
राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने आज प्रस्ताव पारित करके साल में तीन बार एक्शन दिवस मनाने का फैसला किया है। जिसके तहत 30 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में नेता जी सुभाष चंद्र द्वारा ध्वजारोहण किए जाने के उपलक्ष्य में, 23 सितंबर को हाइफा को आजाद करवाते हुए भारत के 900 सैनिकों के शहादत को सम्मान देते हुए तथा हर साल 8 अप्रैल को शहीद भगत सिंह द्वारा एसंबली में बम फैंके जाने की घटना के मौके पर मंच द्वारा उपरोक्त तीनों दिनों को सम्मान एवं श्रद्धांजलि स्वरूप मनाया जाएगा।