संपत्ति को आधार (AADHAR) से जोड़ने से सम्बंधित खबर फर्जी !
जमीन संबंधी अभिलेखों के डिजिटिलाइजेशन की खबर सोशल मिडिया का फर्जीबाड़ा
फर्जी खबर चलाने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कराया मामला दर्ज : जाँच के आदेश
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय का हवाला देकर जमीन संबंधी अभिलेखों के डिजिटिलाइजेशन और उसे आधार (AADHAR) से जोड़ने से सम्बंधित सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा पत्र पूरी तरह से फर्जी है और ऐसा शरारतपूर्ण किया गया है।केंद्र सरकार ने इस सम्बन्ध में एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऐसा निर्णय नहीं लिया है. यह पूरी तरह भ्रामक सूचना है. इसलिए लोगों को इस सम्बन्ध में न तो कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है और न ही घबराने की .
सरकार की ओर से सोमवार सायं जारी सपष्टीकरण में यह दोहराया गया है कि भारत सरकार ने इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया है। सरकार की ओर से इस संदर्भ में पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई है और मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि इस तरह की एक खबर सोमवार सुबह से सभी बड़े न्यूज चैनलों पर कहलाई जा रही थी कि अब संपत्ति को भी आधार कार्ड व पैन कार्ड से जोड़ना होगा नहीं तो आपकी संपत्ति बेनामी घोषित कर दी जायेगी. उसमें यहाँ तक कहा जा रहा था कि वर्ष 1950 के बाद खरीदी गयी संपत्ति पर यह कथित नियम लागू होगा. इससे लोगों में अफरा तफरी मच गयी और लोग अपने कानूनी सलाहकारों व सी ए से सुझाव लेने लगे.
आश्चर्यजनक रूप से किसी भी मिडिया या न्यूज चैनल ने इस खबर की पुष्टि करने की जहमत नहीं उठाई और प्रमुखता से लगातार इस खबर को चलाते रहे जिससे जिससे लोगों में अफरा तफरी मच गयी. सभी अपने रिश्ते दारों व मित्रो से इसकी पुष्टि करते देखे गए.
पूरी तरह निराधार एवं भ्रामक जानकारी वाली इस सूचना का केंद्र सरकार को खंडन करना पडा. केंद्र सरकार ने जारी विज्ञप्ति में इस प्रकार के किसी निर्णय से पूरी तरह इनकार किया है.