सुभाष चन्द्र चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना की अध्यक्षता में आज हुई दिल्ली सरकार की कबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. केबिनेट ने दिल्ली में इलेक्ट्रिकल वाहन पालिसी पुनः लागू करने का फैसला लिया है. इस योजना का लाभ 1 जनवरी 2024 से ही लागू की जायेगी. इसके अलावा डी एस ऍफ़ डी सी को 17 करोड़ का ग्रांट देने का भी निर्णय लिया गया जिससे कारपोरेशन के कर्मियों को समय पर वेतन दिया जा सके.
यह जानकारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने आज यहाँ आयोजित प्रेसवार्ता में दी. उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद से दिल्लीवालों के काम युद्धस्तर पर हो रहे हैं . मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी जब अपने राज्यों में केजरीवाल जी के जैसा जनहितकारी काम नहीं कर पाई तो उन्होंने केजरीवाल जी को जेल भेज दिया और दिल्लीवालों के काम रुकवा दिए। लेकिन उनके जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली सरकार, दिल्ली की जनता के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि आज उनकी केबिनेट ने दिल्ली में फिर से Electric Vehicle Policy लागू करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इसे बंद कर दिया गया था बावजूद इसके कि यह योजना देश के सभी राज्यों में से बेहतर ई वी योजना थी. इसका असर था कि उस दौरान दिल्ली में सर्वाधिक इलेक्ट्रिकल वाहनों की बिक्री हुई थी . यह आकंडा वाहन रजिस्ट्रेशन से पता चलता है.
मुख्यमंत्री आतिशी ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत 1 जनवरी 2024 के बाद Electric Vehicles ख़रीदने वाले सभी लोगों को सब्सिडी मिलेगी . इसके अलावा इस योजना के तहत Electric Vehicles ख़रीदने वाले लोगों को Road Taxes में भी छूट दी जाएगी.
केबिनेट बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों की जानकारी देने के क्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली की आप सरकार ने 17 करोड़ का ग्रांट DSFDC को देने का निर्णय लिया है। इस कारपोरेशन में जिसकी भी तनख़्वाह रुकी हुई थी, उन्हें उनकी सैलरी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केबिनेट ने दिल्ली के गुरुनानक Eye Hospital में Optometry Training Wing की शुरुआत करने का भी निर्णय लिया है।
पत्रकारों के सवाल पर उनका कहना था कि दिल्ली में क़ानून व्यवस्था का बुरा हाल है. इसके लिए भाजपा की केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह ज़िम्मेदार हैं.