नवंबर 2016 में औद्योगिक विकास दर में वृद्धि

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नई दिल्ली : नोटबंदी का बुरा असर औद्योगिक उत्पादन पर नहीं पड़ा है. नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में वृद्धि दर्ज की गयी है.  केंद्र सरकार के सख्न्यिकी विभाग ने दावा किया है कि  नवंबर, 2016 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 175.8 अंक रहा, जो नवंबर, 2015 के मुकाबले 5.7 फीसदी ज्‍यादा है। इसका मतलब यही है कि नवंबर, 2016 में औद्योगिक विकास दर 5.7 फीसदी रही। वहीं, दूसरी ओर अप्रैल-नवंबर, 2016 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.4 फीसदी आंकी गई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा नवंबर, 2016 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक के त्‍वरित आकलन (आधार वर्ष : 2004-05) से उपर्युक्‍त जानकारी मिली है। 15 स्रोत एजेंसियों से प्राप्‍त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।
नवंबर, 2016 में खनन, विनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर नवंबर, 2015 के मुकाबले क्रमश: 3.9 फीसदी, 5.5 फीसदी तथा 8.9 फीसदी रही। वहीं, अप्रैल-नवंबर 2016 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर क्रमश: 0.3, (-) 0.3 तथा 5.0 फीसदी आंकी गई है।
नवंबर, 2016 में बुनियादी वस्‍तुओं (बेसिक गुड्स), पूंजीगत सामान एवं मध्‍यवर्ती वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर नवंबर, 2015 की तुलना में क्रमश: 4.7 फीसदी, 15.0 फीसदी तथा 2.7 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल है, इनकी उत्‍पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 में 9.8 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 में 2.9 फीसदी रही। कुल मिलाकर उपभोक्‍ता वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर नवंबर, 2016 के दौरान 5.6 फीसदी आंकी गई है।

 
इस दौरान उच्‍च धनात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में केबल, रबर इंसुलेटेड (185.0%), ‘ट्रैक्टर (पूर्ण)’ (95.0%), ‘मोबाइल फोन एवं सहायक सामान सहित टेलीफोन उपकरण (42.8%), ‘यात्री कार’ (29.5%), ‘एविएशन टर्बाइन फ्यूल’ (28.3%), ‘मोल्डिंग मशीनरी सहित प्लास्टिक मशीनरी’ (24.1%) और ‘चीनी’ (21.2%) शामिल हैं।
इस दौरान उच्‍च ऋणात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में ‘एचआर शीट्स’ [(-) 49.7%), ‘केरोसीन’ [(-) 35.7%], ‘गुड़’ [(-) 26.2%], ‘रत्न एवं जेवरात’ [(-) 25.4%], ‘पॉलीप्रोपिलीन (सह-बहुलक सहित)’ [(-) 23.1%] और ‘चीनी मशीनरी’ [(-) 20.4%] शामिल हैं।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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