गुरुग्राम। गुरुग्राम में शनिवार को भी कोरोना वायरस संक्रमित 16 नए लोग सामने आए अब यहां कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 142 हो गई है जबकि 78 अस्पताल में भर्ती हैं और 76 व्यक्ति अभी भी निगरानी के लिए क्वॉरेंटाइन में रखे गए हैं। शनिवार को 269 लोगों के सैंपल जांच के लिए दिए गए हैं जो या तो पॉजिटिव पाए गए लोगों के परिवार के हैं या फिर उनसे संबंध रखने वाले या उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन अब पॉजिटिव पाए गए मामले में कंटेनमेंट जॉन और बफर जोन घोषित करने में कोताही बरतने लगा है। 1 दिन पूर्व जारी कंटेनमेंट लिस्ट से यह साफ हो गया है कि जिला प्रशासन ने अब केबल पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति की एक या दो गलियों को ही कंटेनमेंट एरिया या फिर बफर जोन घोषित करना शुरू कर दिया है ना कि 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाली पूरी कॉलोनी या आसपास की कॉलोनी को। अब इन हालात में शहर के लोगों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा स्वयं करनी होगी और एहतियाती कदम उठाने होंगे।
जिला में लगातार 1 सप्ताह से भी अधिक समय से पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे नए संक्रमित लोगों की सूची में शामिल होने वाले लोगों की रफ्तार तेज हो चली है जो प्रत्येक गुरुग्राम वासियों के लिए चिंता का विषय है।
आज गुरुग्राम मैं कोरोना के 16 नए मामले आये जिनमें डूंडाहेड़ा . 5 , जहवार नगर . 2, कादीपुर . 2, अनाज मंडी . 1, R D सिटी . 1, सरहौल . 2, 12 बिस्वा . 1, Sec-17 . 1 और फरुखनगर से 1 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं। पिछले 6 से 7 दिनों में स्वास्थ विभाग की ओर से जारी बुलेटिन से यह स्पष्ट हो रहा है कि गुरुग्राम का प्रत्येक इलाका अब कोरोनावायरस संक्रमण की जद में आ चुका है। यह कहना अब गलत नहीं होगा कि गुरुग्राम में कोरोनावायरस संक्रमण अब कम्युनिटी स्तर पर पैर पसार चुका है और अगर प्रशासन और गुरुग्राम के लोग अब भी सतर्क नहीं होंगे तो वह दिन दूर नहीं जब पास के दिल्ली की तरह ही यहां भी सैकड़ों में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की सूची सामने आने लगे।
दूसरी तरफ गुरुग्राम के लगभग सभी इलाके से पूर्णा पॉजिटिव लोगों का खुलासा होने के साथ जिला प्रशासन अब कंटेनमेंट एरिया एवं बफर जोन घोषित करने में भी कोताही बरतने लगा है। लोगों की शिकायत है कि पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील और सक्रिय नहीं दिखाई देता। उनकी ओर से पॉजिटिव पाए गए लोगों के परिवारों पर क्वॉरेंटाइन होने का कोई प्रतिबंध भी नहीं लगाया जाता। जबकि संबंधित कॉलोनी को 2 किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट एरिया के रूप में भी घोषित नहीं किया जा रहा है।
उदाहरण के तौर पर सूरत नगर गली नंबर 22 में एक महिला के पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद केवल दो-तीन गलियों को ही कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया ना कि पूरे सूरत नगर फेस टू को जो लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में है । दूसरी तरफ आनंद गार्डन में भी जिस गली में एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया उनके आसपास की 23 गलियों को ही कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया ना कि पूरे आनंद गार्डन या फिर 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाली दूसरी अन्य कालोनियों को भी।
इसी तरह शहर की जवाहर नगर कॉलोनी में भी जिस गली में एक व्यक्ति गत 7 मई को पॉजिटिव पाया गया ना तो उनके घर को और ना ही उस गली के आसपास के मकानों को सैनिटाइज किया गया और ना ही उसे डिसइन्फेक्शन करने की कोई व्यवस्था की गई। ऊक्त गली में रहने वाले एडवोकेट नरेश शर्मा ने बताया कि उनके ही पास वाले मकान में ही एक व्यक्ति गत 7 मई को पॉजिटिव पाया गया लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया है। यहां तक कि उक्त गली या आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया अब तक घोषित नहीं किया गया। जिस परिवार में पॉजिटिव केस मिला उस परिवार के लोग भी खुलेआम गलियों में घूम रहे हैं। उन पर क्वॉरेंटाइन होने का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। इस मामले का खुलासा होने के बाद आसपास के मकान में रहने वाले और उन गलियों में निवास करने वाले दर्जनों परिवारों में भय का वातावरण है । लोग परेशान हैं प्रशासन से लगातार शिकायतें कर रहे हैं लेकिन अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। एहतियातन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन या फिर स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
अभी इस वर्तमान परिस्थिति में ही शहर में अव्यवस्था का आलम देखने को मिलने लगा है । इससे गुरुग्राम के लोगों को सहज ही अंदाजा लगा लेना चाहिए कि अगर इससे परिस्थिति और विकृत हुई तो फिर उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे ही होगी। ऐसे में लोगों को स्वयं ही अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशीलता का परिचय देना होगा उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय या फिर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार एहतियात बरतने की जरूरत है और इसके लिए सुझाए गए नियमों का पालन शक्ति से करना होगा अन्यथा इस अदृश्य और अनजान दुश्मन की शिकार होने से कोई रोक नहीं सकता।