वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला प्रशासन को दी नसीहत
गुरुग्राम, 29 नवंबर। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने आज वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उतरी भारत के सभी राज्यों के जिलों में नियुक्त उपायुक्तों अथवा जिलाधीशों से कहा है कि वे अपने-अपने जिला में कैशलैस अर्थात बिना नकद भुगतान को बढावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
सरकार नोट छापने की बजाय कैशलैस ट्राजैक्शन
गुरुग्राम जिला की तरफ से इस वीडियों कांफ्रेंसिंग में गुरुग्राम उतरी के एसडीएम सुशील सारवान, गुरुग्राम दक्षिणी के एसडीएम सतीश कुमार, पटौदी के एसडीएम रविंद्र यादव, नगराधीश अल्का चौधरी, अग्रणी जिला प्रबंधक आर सी नायक तथा एनआईसी की जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अंजलि धींगड़ा उपस्थित रहे। वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से की गयी ब्रीफिंग में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब सरकार नोट छापने की बजाय कैशलैस ट्राजैक्शन पर को ही बढ़ावा देगी।
कैशलैस ट्राजैक्शन करने के पांच तरीके
श्री कांत ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कैशलैस ट्राजैक्शन अर्थात् बिना नकद भुगतान की प्रणाली अपनाना जरूरी है। इसके लिए जिलाधीश अपने-अपने कार्यक्षेत्र में आम जनता को अवगत करवाएं कि कैशलैस ट्राजैक्शन करना उतना ही आसान है जितना कि एक मोबाईल फोन से एसएमएस भेजना। उन्होंने बताया कि कैशलैस ट्राजैक्शन करने के पांच तरीके हैं, जिनमें से व्यक्ति अपनी सुविधानुसार कोई भी एक तरीका अपना सकता है।
डाटा नेटवर्क की जरूरत नहीं
इन पांच तरीकों में उन्होंने बताया कि प्री-पेड, डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना, आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस), अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंट्री डाटा (यूएसएसडी ) बेस्ड मोबाईल बैंकिंग, यूनिफाईड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) तथा मोबाईल फोन पर वॉलेट डाउनलोड करना शामिल हैं। बैठक में बताया गया कि देश में 80 करोड़ कार्ड बने हुए हैं और उनके धारक प्रीपेड, डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड से आसानी से लेनदेन कर सकते हैं। इसी प्रकार, यूएसएसडी बेस्ड मोबाईल बैंकिंग में भी डाटा नेटवर्क की जरूरत नहीं होती।
व्यक्ति के पास दो चीजे होनी जरूरी
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में कैशलैस लेनदेन के लिए व्यक्ति के पास दो चीजे होनी जरूरी है-उसका आधार नंबर तथा बैंक का खाता। आधार के महानिदेशक अजय पाण्डेय ने इस मौके पर बताया कि इस व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति बैंक मित्र के पास जाकर उसी समय अपना बैंक खाता भी खुलवा सकता है और उस खाते में पैसे जमा करवा सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली में व्यक्ति को पीओएस मशीन में अपना आधार नंबर भरने के बाद अपनी उंगलियों या अंगूठा लगाना पड़ेगा, उसके बाद ही ट्राजैक्शन हो पाएगी।
186 बैंक मित्र कार्यरत
अग्रणी जिला प्रबंधक आर सी नायक ने बताया कि गुरुग्राम जिला में सभी बैंको के कुल186 बैंक मित्र कार्यरत हैं जिनमें से 39 ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। गुरुग्राम उतरी के एसडीएम सुशील सारवान ने कहा कि इन बैंक मित्रों की मदद से जिला में चल रहे कॉमन सर्विस सैंटर के संचालको को कैशलैस ट्राजैक्शन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो आगे ग्रामीणों को कैशलैस ट्राजैक्शन किस प्रकार आसानी से की जा सकती है, उसके बारे में समझाएंगे। उन्होंने कहा कि देश अब कैशलैस इकोनोमी की तरफ बढ रहा है, ऐसे में समय के साथ चलने के लिए सभी को कैशलैस लेनदेन के तरीके अपनाने पड़ेगे। उन्होंने बताया कि यूपीआई प्रणाली एक प्रकार से मोबाईल वॉलेट के समान कार्य करेगी।