चंडीगढ़, 27 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चार दिन की चर्चा के बाद सदन के नेता के रूप में जब वे अपना जवाब दे रहे थे तो विपक्षी सदस्यों का रवैया ठीक नहीं था। लोकतंत्र में सता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे की अलोचना करना तो स्वाभाविक है परंतु निंदा नहीं होनी चाहिए ताकि विकास कार्यों में रूकावट पैदा ना हो।
मुख्यमंत्री आज विधानसभा सत्र के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। जब उनसे कल प्रस्तुत किये जाने वाले बजट के बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट सबके के हितों के अनुरूप जनता का बजट होगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में भू-जल प्राधिकरण बिल लेकर आएंगे ताकि डार्कजोन क्षेत्रों में नलकूपों के कनैक्शन दिए जा सकें। पहले इसके लिए केन्द्रीय भू-जल बोर्ड से अनुमति लेनी होती थी। अब राज्य भू-जल बोर्ड अपनी सिफारिशें केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के समक्ष रखेगा। उन्होंने बताया कि सदन में चर्चा के दौरान पानीपत जिले के बापौली खंड को भी डार्कजोन क्षेत्र श्रेणी में रखा गया है जबकि आमतौर पर वहां भू-जल का स्तर काफी ऊपर रहता है। इसी प्रकार, टोहाना व यमुनानगर में भी ऐसे मामलों की जानकारी मिली है जबकि सामान्यत: वहां पर भू-जल का स्तर काफी ऊपर रहता है।
सहकारी चीनी मिलों में निर्दलीय विधायक श्री बलराज कुण्डू द्वारा पूर्व सहकारिता मंत्री पर शीरा घोटाला करने का आरोप के बारे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में व्यक्तिगत रंजिश से बिना तथ्यों के किसी पर आरोप नहीं लगाने चाहिए। इस मामले में एसआईटी गठित की गई है जो प्रारम्भिक जांच के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। पिछले चार वर्षों में केवल एक बार शीरे का भाव 200 रुपये रहा है। शीरे के लिए सभी चीनी मिलें एक साथ निविदा लगाने की प्रक्रिया अपनाती है।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टोलरेंस की नीति है। वे पहले भी सदन में कह चुके हैं कि भरोसे के लिए विश्वनीय प्राथमिक सामग्री (Credible Primary Material to Belief) सबूतों के साथ दें तो वे हर किसी मामले की जांच करवाने को तैयार हैं, चाहे वह अब की सरकार की बात हो या पहले की सरकारों की बात हो।
विपक्ष द्वारा राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अपराध चरम सीमा पर होने के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें गुमशुदा व्यक्तियों के आंकड़ें शामिल हैं, जो तकनीकी रूप से सही नहीं है। इसका विशलेषण करवाया जाएगा कि एफआईआर में दर्ज गुमशुदा व्यक्तियों में अपराधी हैं, महिला हैं, बच्चे हैं या वृद्ध व्यक्ति हैं।
हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य द्वारा 20 फरवरी को प्रस्तुत किये गए अभिभाषण को आज विधान सभा सदन में सर्वसम्मति से पारित कर इसका समावेदन राज्यपाल को भेजा जाएगा।