नयी दिल्ली, 16 फरवरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को रविवार को सुझाव दिया कि उसे शरारती तत्वों से सख्ती से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन साथ ही “उकसावे” के बावजूद संयम से भी पेश आना चाहिए।
दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस पर शाह ने इसे देश और दुनिया के अग्रणी महानगरीय पुलिस बलों में से एक बताया जिसने अव्यवस्था पैदा करने की कोशिशों को सफलता से नाकाम किया है।
भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के 1950 के एक भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “तमाम उकसावे और गुस्से के बावजूद, दिल्ली पुलिस को शांत रहना चाहिए लेकिन लोगों की रक्षा के लिए उसे शरारती तत्वों से सख्ती से निपटने को भी तैयार रहना चाहिए।”
गृह मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है, कई मौकों पर दिल्ली पुलिस सरदार पटेल की इस सलाह को अमल में लाई है।”
उन्होंने बल की यह कहते हुए प्रशंसा की कि इसने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस, त्योहार मनाने जैसे महत्वपूर्ण अवसरों और विदेशी अधिकारियों के दौरों के वक्त सरकार की मदद की है।
शाह ने कहा कि पुलिस की रचनात्मक आलोचना का हमेशा से स्वागत है लेकिन यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपनी जान दी है।
गृह मंत्री ने अपने बयान में दिल्ली पुलिस के उन पांच कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान अपनी जान गंवाई थी। इसके अलावा आतंकवादियों के साथ बटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर एम सी शर्मा को भी उन्होंने श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी, दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और अन्य एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर, गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पदक दिए।
शाह ने कहा कि दिल्ली सुरक्षित शहर परियोजना के तहत केंद्र ने राजधानी की सुरक्षा के लिए 857 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
उन्होंने कहा कि 165 थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में करीब 10 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं तथा गृह मंत्रालय ने शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 9,300 कैमरे और लगाने की मंजूरी दी है।
पुलिस कल्याण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में शाह ने कहा कि केंद्र ने आवासन के लिए 137 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस स्वयं अपने कर्मियों के लिए 700 से अधिक आवासों का निर्माण कर रही है और भरोसा जताया कि आवासीय जरूरतों का मुद्दा निकट भविष्य में सुलझा लिया जाएगा।